पंजीकरण ही नहीं, मजदूरों को कैसे मिले डेढ़ दर्जन योजनाओं का लाभ

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फर्रुखाबाद: भवन एवं अन्य निर्माण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कार्यरत श्रमिकों के लिए प्रदेश सरकार ने डेढ़ दर्जन से अधिक लाभकारी योजनायें शुरू की हैं| लेकिन श्रम विभाग में ऐसे श्रमिकों के पंजीकरण नहीं होने से उनको हाल फिलहाल योजनाओं का लाभ मिलता दिखाई नहीं पद रहा है| यहाँ तक कि मनरेगा में वर्षों से काम कर रहे मजदूरों के भी अभी तक पंजीकरण नहीं करवाए गये हैं|

प्रदेश सरकार ने बीते शुक्रवार को भवन एवं अन्य संनिर्माण क्षेत्रों में लगे मजदूरों के लिए लाभदायक दर्जन भर से अधिक योजनाओं का एलान किया था| जिन योजनाओं में दुर्घटना सहायता योजना, मातृत्व हितलाभ योजना, शिशु हितलाभ योजना, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, बीमारी सहायता योजना, निर्माण कामगार पुत्री विवाह अनुदान योजना, निर्माण कामगार बालिका मदद योजना, अक्षमता पेंशन योजना, औजार क्रय हेतु आर्थिक सहायता योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना, साइकिल सहायता योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना आदि शामिल हैं| इन योजनाओं का लाभ तीन दर्जन से अधिक निर्माण क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों को सीधे तौर पर प्राप्त होगा| लेकिन ऐसे सभी मजदूरों का पंजीकरण होना अनिवार्य है और सबसे बड़ी गफलत भी यही है कि निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण बहुत कम हैं|

जिसके चलते शासन की इन योजनाओं का लाभ हाल फिलहाल श्रमिकों को मिलता दिखाई नहीं पढ़ रहा है| भवन एवं अन्य निर्माण क्षेत्रों में कार्यरत अधिकतर मजदूरों के पंजीकरण श्रम विभाग कार्यालय में नहीं हैं| वर्षों से मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों के भी पंजीकरण नहीं हुए हैं| बिना पंजीकरण के किसी भी श्रमिक को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा| योजनाओं की घोषणा होने के बाद जिला विकास अधिकारी ने सभी बीडीओ व एडीओ पंचायत को मनरेगा मजदूरों के पंजीकरण ब्लॉक कार्यालय में करवाने का आदेश दिए हैं|

निर्माण क्षेत्र में लगे श्रमिक स्वयं भी अपने पंजीकरण करवा सकते हैं| ऐसे श्रमिकों की उम्र 18 से 60 साल होनी चाहिए और उनके द्वारा वर्ष में 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया गया हो वह श्रम विभाग के जिला स्तरीय कार्यालय से निःशुल्क पंजीकरण फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं| फॉर्म को भरकर 2 फोटो, निर्माण श्रमिक के रूप में 90 दिन कार्य करने का प्रमाण पत्र को 50 रुपए पंजीकरण शुल्क के साथ जमा करना होगा| इससे उसको श्रमिक पहचान पत्र प्राप्त हो जायेगा| योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए निर्माण श्रमिक को प्रतिवर्ष 50 रुपए अंशदान जमा कारवाना होगा|