सचिवो के तबादले में सत्ता और प्रशासन में खीचतान

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उत्तर प्रदेश में हाल ही में नयी ग्राम पंचायतो का गठन हुआ है| मिनी संसद यानि ग्राम पंचायत का नया चुना हुआ मुखिया यानि प्रधान जी प्रदेश की नयी चुनी सरकारों की तरह अपने चहेते सरकारी कर्मियों की तैनाती चाहता है और यहीं पर मामला फस गया है|
बेचारे खंड विकास अधिकारी
मामला फर्रुखाबाद जनपद का हैं जहाँ मोहम्दाबाद ब्लाक के नए चुने प्रधानो ने अपने मनपसन्द ग्राम सचिवो की सूची खंड विकास अधिकारी को थमा डी| बीडीओ साहव ने आनन् फानन में १५ सचिवो को तत्काल इधर से उधर कर दिया| मामला जब जिले के पंचायत राज अधिकारी यानि कि डीपीआरओ तक पंहुचा तो उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में बेवजह दखल दिखाई पड़ा| जिला पंचायत राज अधिकारी डी एन मिश्र कहते है कि ग्राम सचिवो के तब्दले का अधिकार केवल उन्हें है|
मलाईदार ग्राम पंचायत का जुगाड़
श्री मिश्र का कहना है कि तबादले तो होंगे और जरूर होंगे मगर सभी ग्राम सचिवो को बराबर के ग्राम मिलेंगे| ये नहीं होगा कि किसी को दस पंचायते मिल जाए तो कोई एक को भी तरसे| आखिर यही ग्राम सचिव तो प्रधानजी के आकड़ेबाजी का हिसाब रखते है और उन पर निगाह उनकी होती है| फिलहाल तो सचिव प्रधानो की चौखट पर चक्कर लगाते देखे जा सकते है|