फर्रुखाबाद: शादी के समय हिन्दू रीति रिवास में सात वचनो में एक वचन पत्नी के मायके जाने का होता है| उत्तर भारत में जब शादी के समय पंडितजी फेरे लेने से पहले वचन सुना रहे होते है तब तो दूल्हे राजा को पत्नी घर ले जाने की इतनी जल्दी होती है कि वो पंडित जी के सुनाये वचनो को समझे या न समझे हाँ कर देता है| मगर जब जीवन में वचन निभाने की बात आती है तब उसे एहसास होता है कि क्या क्या हाँ किया था| एक बीबी मायके जाने की जिद कर रही थी| आखिर भाई के घर लड़का हुआ था| भाई बुलाने आया था| मगर पति को स्वीकार नहीं था| शादी के छठवे वचन में कहा गया है कि जब भाई के घर बच्चा होगा तब पत्नी बिना बुलाये मायके जाएगी| मगर यहाँ तो भाई आया था| फिर भी लेखराज को बीबी का मायके के लिए जाना इतना खेल गया कि उसने आत्महत्या कर ली|
थाना मेरापुर के गाव कोला मे लेखराज पुत्र जिलेदारसिह ने पत्नी मीरादेवी के साथ आपसी विवाद मे आत्महत्या कर ली। म्रतक की पत्नी माइके अपने भाई के साथ जा रही थी। पत्नी के घर से निकल जाने के बाद पति ने 315 बोर के तमँचे से सिर मे गोली मार ली। गोली लगने के 5 मिनट बाद उसकी मौत हो गयी। 38 वर्षीय लेखराज के तीन बच्चे है| 2 लड़के,1लङकी सबसे बङी (12) वर्ष की।सूचना मिलने पर चरनसिह चौकी इँचार्ज अचरा व एस.ओ मेरापुर फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुच गये।
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