लखनऊ: सूबे के 1.72 लाख शिक्षामित्रों के लिए सरकार ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली- 2014 बनाकर सहायक शिक्षक बनने का रास्ता साफ कर दिया।
बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव नीतीश्वर कुमार ने नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत बगैर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास किए दो साल बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाएगा। शीघ्र ही इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। नये शैक्षिक सत्र में उन्हें पूरी तरह शिक्षक के रूप में तैनात किया जा सकता है।
सरकार ने प्रदेश में दस वर्ष से ज्यादा समय से परिषदीय स्कूलों में शिक्षामित्रों के रूप में अध्यापन कर रहे लोगों के नियमितीकरण के लिए लोकसभा चुनाव से पहले फैसला लिया था, लेकिन सेवा नियमावली जारी नहीं हो पाई थी। अब शिक्षा मित्रों को शासनादेश का इंतजार है।
प्रदर्शन का मिला फल : शिक्षामित्रों ने कई प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किए और पुलिस की लाठियां भी खाई। अंतत: अपने संघर्ष का फल उन्हें मिला।
संगठनों ने आभार जताया : सरकार के इस अहम कदम पर शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के प्रति आभार जताया है। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही, उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र-शिक्षक कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल वर्मा, और उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के महामंत्री अनिल कुमार यादव ने सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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