गोलमाल: बंद कमरे में ही सड़ गया बेसिक शिक्षा की किताबो का जखीरा

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bsaफर्रुखाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग में कमीशन खोरी और बचाब के लिए सत्ता पक्ष की झोली में बैठ जाना आम बात हो गयी है | इसी का फायदा लेकर बेसिक शिक्षा में कमीशनकी मोटी रकम डकार ली जाती है | कही ड्रेस के नाम पर कही मिडडे मिल के नाम से , तो कही किताबो में फेर बदल कर के |bsa 1 इसी तरह की कमीशन खोरी बेसिक शिक्षा में किताबो में चल रहा है | लाखो की लागत में किताबे गोदाम में अभी भी सड़ रही है जिन्हें पिछले सत्र में नही वितरित किया गया | जो बिल्कुल कचरा सी बन गयी है |
फतेहगढ़ चौराहे पर स्थित नरेन्द्र सरीन विधालय में लाखो रुपये कीमत की किताबे बंद पड़ी है जिन्हें विधालयो में वितरित करना था | कुछ जगह तो वितरण हुआ लेकिन कुछ जगह बाढ़ आदि का बहाना बना कर किताबो का वितरण नही किया गया | लेकिन बाद में भी वितरण नही किया गया |bsa3 दरअसल किताब छपाने से लेकर बाँटने तक का ठेका होता है | और इसमे बड़े स्तर से गोलमाल शुरू होता है इसके रास्ते में आने बाले सभी के हाथ काले कराए जाते है |
विभाग प्रति वर्ष सितम्बर में छात्रों की सख्या राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ के लिए भेजता है | उस सख्या के आधार पर किताबे उपलब्ध करा दी जाती है | लेकिन इसमे भी भीषण कमीशन खोरी होती है | जादा सख्या दिखा कर किताबो माँगा ली जाती है | किताबो की छपाई में करोंड़ों का टेंडर होता है और उस टेंडर में बनने वाले कमीशन का बन्दर बाँट किया जाता है| यह खेल प्रतिवर्ष लाखों रूपए कमीशन सम्बंधित अधिकारीयो की जेवे गर्म करता है|
बीते लगभग पांच माह पूर्व एडी बेसिक विनय कुमार गिल द्वारा शमशाबाद वीआरसी पर तीन कमरों में किताबों का जखीरा बरामद हुआ था जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञान प्रकाश अवस्थी ने बाड़ की समस्या के कारण 25 से 30 स्कूलों में किताबे वितरित न होने की बात कही थी| लेकिन इस पर नाराज एडी बेसिक विनय कुमार गिल ने शीघ्र किताबें वितरण के निर्देश दिये थे लेकिन आज तक किताबें नहीं वितरित नही की गयी | वहीँ पिछले वर्ष मोहम्मदाबाद में पचास स्कूलों में किताबों का वितरण नहीं हो सका|
नारेंद्र सरीन मांटेसरी स्कूल में बंद हजारों की संख्या में किताबें चीख-चीख कर विभाग की लापरवाही को बया कर रही है | अनदेखी से लाखो रूपए कीमत की किताबे सड़ रही है |वही सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नवीन सत्र में किताबो में कोर्स बदला हुआ है जिससे यह किताबे कबाड़ हो जाएगी |इस सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन फोन नही उठा |
वही एडी बेसिक विनय कुमार गिल ने बताया की किताबो के विषय में जाँच कर विभागीय कार्यवाही की जाएगी | और विकास खंडो पर भी सिकंजा कसा जायेगा | दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी |