फर्रुखाबाद: राजनैतिक दल के संगठन में कामकरने वाले कोई विदेश से आयातित नागरिक नहीं होते| किसी न किसी का कोई जोड़ घटना होता ही है| संगठन के सहारे राजनीती करने वाले नेताओ को इन संगठन के कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियो की जरुरत भी होती है| और यही जरुरत संगठन में विघटन का काम करती है| जिले के चारो प्रमुख राजनैतिक दलो भाजपा, कांग्रेस, सपा और भाजपा में कमोवेश एक जैसा माहौल है| मगर सबसे ज्यादा हलचल सपा और भाजपा में है| सत्ता के चकाचौंध में अठखेलिया कर रही है तो भाजपा अपने नेता के राजतिलक की सम्भावना में हरियाले बरने गा रही है| इन सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि फर्रुखाबाद के भाजपा संगठन के कई पदाधिकारियो पर एक टिकट के दावेदार के लिए लाबिंग करने के आरोप लग रहे है और इसीलिए बूथ कमेटी की सूची तक इन पदाधिकारियो को उपलब्ध नहीं करायी जा रही है|
भाजपा के नगर अध्यक्ष ज्ञानेश गौड़ साफ़ तौर पर आरोप लगा रहे है कि नगर की बूथ कमेटियो को अनुमोदन के लिए जिला कमेटी को नहीं सौपा जायेगा| उनका कहना है कि प्रबंध प्रकोष्ठ के जिला संयोजक गोविन्द सिंह, महामंत्री विमल कटियार, उपाध्यक्ष प्रभात अवस्थी और क्षेत्रीय महामंत्री कानपुर क्षेत्र सत्यपाल सिंह यानि की लगभग पूरी जिला कमेटी संगठन के लिए काम करने की जगह एक टिकट के दावेदार के लिए काम कर रहे है| उन्हें शक है कि उनके द्वारा तैयार करायी गयी कमेटी का दुरूपयोग किया जा सकता है| इसलिए वे बूथ कमेटी सीधे प्रदेश को सौपना चाहते है| वहीँ क्षेत्रीय महामंत्री सत्यपाल सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है| नगर अध्यक्ष तो जिला कमेटी ने ही बनाया था| और अपने नेतृत्व पर आरोप लगाने से पहले उन्हें सोचना चाहिए|
ज्ञानेश का आरोप है कि प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह उन्हें मतदाता सूची नहीं सौप रहे है| आरोप है कि मतदाता सूची सौपने के बदले वे बूथ कमेटी की सूची चाहते है|