नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार में लालू प्रसाद यादव को तगड़ा झटका लगा है। लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के 13 विधायकों ने बगावत कर दी है। आरजेडी के 22 में से 13 विधायकों ने विधानसभा सचिव को पत्र लिखकर सदन में अलग से बैठने की व्यवस्था करने की मांग की है।
इन 13 विधायकों में अब्दुल गफूर, सम्राट चौधरी, राघवेंद्र प्रताप सिंह, ललित यादव, इनाम उल हक, दुर्गा प्रसाद सिंह, चंद्रशेखर के नाम सामने आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक ये 13 विधायक पार्टी से अलग होना चाहते हैं और इसी को लेकर इन्होंने विधानसभा के अध्यक्ष को अलग बैठने के इंतजाम के लिए पत्र लिखा है।
इस वक्त बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार की पार्टी के 116 विधायक हैं। इन बागी विधायकों में से एक सम्राट चौधरी का दावा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में उनके आरजेडी से अलग बैठने की मांग को मान लिया है। सम्राट चौधरी का दावा है कि उनके साथी जेडीयू में शामिल होना चाहते हैं।
आरजेडी के बागी विधायक सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश को छोड़ बिहार में सेकुलरिज्म का झंडा बुलंद करने वाला अब कोई नहीं है। इसलिए हम जनता दल यूनाइटेड में विलय चाहते हैं। लालू से हम इसलिए नाराज हैं क्योंकि जिस व्यक्ति ने अध्यादेश फड़वाकर(राहुल गांधी) लालू जी को जेल भेजने का काम किया था, लालू जी उसी की गोद में बैठ गए हैं। बिहार में आरजेडी अब सिर्फ कांग्रेस की बी टीम बनकर रह गई है।
आरजेडी के बागी विधायक जावेद इकबाल ने कहा कि हमने विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी और हमारी मांग मान ली गई है। जिस व्यक्ति ने लालू जी को जेल भिजवाया, लालू जेल से छूटने के बाद हमसे या बिहार की जनता से बात करने के बजाय उसी व्यक्ति से हाथ मिलाने दिल्ली पहुंच गए। लालू जी अब नाकाम हो गए हैं। ये अब वो लालू नहीं हैं जिन्हें पूरे देश का मुसलमान आशा की नजर से देखता था।