ठगी का जाल में फसे 108 के चालक: मानदेय के नाम पर लाखों का घोटाला

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फर्रुखाबाद: वेतन न मिलने से एंबूलेंस चालकों ने गाडि़यों को खड़ा कर सीएमओ को ज्ञापन देकर हड़ताल करने की बात कही। सोमवार को यूपी एंबूलेंस चालकों को पता लगा कि जिन गाडि़यों को चला रहे हैं उन्हें सरकार वापस ले रही है तो उत्तेजित हो गए और अपने चालक संघ के नेता नदीम यादव की अगुवाई में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंच कर सभी एंबूलेंस गाडि़यों को खड़ा कर सीएमओ डा0 राकेश कुमार को ज्ञापन देते हुए वेतन दिलाए जाने की मांग की। चालकों का कहना है कि हम लोगों को मेसर्स जीत सिक्योरिटी सर्विस पंचकोसी रोड इलाहाबाद द्वारा चालक पद पर काम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में 19 जुलाई 2013 को नियुक्त किया था। उस समय यह बताया गया कि प्रत्येक चालक को 8 घंटा डयूटी करनी है और उसके एवज में 8670 रुपए मानदेय दिया जाएगा लेकिन अभी तक किसी भी माह का मानदेय नहीं दिया गया। चालकों ने जब बीच में जिलाधिकारी से शिकायत की तो 5 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से दो माह का 10 हजार रुपए देकर एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवा लिए और कहा कि इतना ही मानदेय निर्धारित किया गया है। कई बार चालकों ने जब इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की तो उन्होंने कहा कि २ाासन से आने पर सभी का भुगतान कर दिया जाएगा लेकिन सोमवार को जब हम लोगों को यह बताया गया कि जिन गाडि़यों को चला रहे हो उन्हें लखनऊ से आए चालकों को सौंप दें और आगे की सेवा समाप्त की जा रही है। यह सुनकर चालक गुस्सा गए और कार्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी कर दरी बिछा कर बैठ गए और कहा कि जब तक मानदेय व सिक्योरिटी धनराशि नही दी जाती है तब तक यहीं बैठे रहेंगे। ज्ञापन देने वालों में संदीप गुप्ता, शिवराज सिंह, अनुज अग्निहोत्री, अवधेश यादव, शानू , बांकेलाल, मनमोहन, आदेश कुमार भारद्वाज, प्रदीप दीक्षित, सतीश दीक्षित, अतुल प्रताप, अनुराग, नदीम यादव आदि शामिल रहे।
108-Driver
नियुक्ति के नाम पर 30 हजार ली गई सिक्योरिटी
एंबूलेंस वाहन चालकों पद के लिए भर्ती किए गए चालकों ने स्वास्थ्य विभाग के बाबू एमके सिंह पर 30 हजार रुपए बतौर सिक्योरिटी धनराशि लेने का आरोप लगाया। सोमवार को उनकी रोजी रोटी विभाग द्वारा छीन लेने पर गुस्साए चालकों ने बताया कि जब हम लोगों को इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया था कि यह कहकर 30 हजार रुपए जमा करवाए कि यह विभाग के पास बतौर जमानत रहेंगे लेकिन जब आज हमें निकाल दिया गया तब पता चला कि वह तो नौकरी देने के नाम पर लिया गया था। यही नहीं उस पैसे के साथ-साथ कई माह का वेतन भी विभाग न देने की बात कह रहा है।

चैबीस घंटे डयूटी के बाद नहीं दिया मानदेय
सरकार ने यूपी एंबूलेंस सेवा गरीब जनता की सुविधा के लिए २ाुरू की थी अब उसके स्थान पर 108 के नाम से एंबूलेंस चालू की जा रही है जिसके चलते जनपद के ही नहीं प्रदेश के हजारों चालकों की रोजी रोटी छिन गई। इसी का विरोध कर रहे चालकों ने बताया कि एक एंबूलंेस पर 8-8 घंटे की डयूटी के हिसाब से तीन चालकों की नियुक्ति हुई थी। लेकिन सीएमओ की मनमानी के चलते हम लोगों को 24 घंटे की डयूटी ली गई जब बीच में विरोध किया तो एक-एक चालक और लगा दिया और निर्धारित मानदेय 8670 रुपए भी नहीं दिया गया।