फर्रुखाबाद: एक तो महफ़िल हमारी हंसी कम न थी, आपका मुस्कराना गजब ढा गया| हाल क्या है दिलो का न पूछो सनम.. जैसे पुराने और दिल को छू जाने वाले गानों से जब दिल्ली मुंबई के कलाकारों से फर्रुखाबाद महोत्सव के समापन की महफ़िल सजी तो देर रात पल्ला पार्क में मंच पर तो गीत संगीत का समां बनता गया| चूक बस इतनी हो गयी कि पंडाल में खाली पड़ी कुर्सियों पर हम न थे| हर वर्ष की तरह फूहड़ और हुल्लड़ वाले संगीत समापन के डर से जो संगीत प्रेमी देर रात पल्ला पार्क नहीं पहुच पाए उन्हें मलाल रहेगा ही| बहुत ही संजीदगी और तरतीब से पहली बार फर्रुखाबाद महोत्सव के कार्यक्रम का समापन देखने को मिला|
गिनती के लोगो से महफ़िल नहीं सजती, एकांत में तो वैराग्य सुना जाता है| हाल कुछ ऐसा ही था उस महफ़िल का जो देर रात फर्रुखाबाद महोत्सव के पंडाल में सजी थी| मंच पर अनवर सहित अन्य कलाकार एक से बढ़कर एक गीत ले और धुन में गा रहे थे| मगर उसका आनद लेने और कलाकारों का हौसला अफजाई तालियाँ बजाने वालो की संख्या गिनती की थी| बरेली की जहीर एंड पार्टी धुन दे रही थी| मुंबई से आई कोसी दीवाना और कुमारी ख़ुशी महफ़िल में सुर बिखेर रहे थे| अनवर और कौसी ने जब गया- छुप गए सारे नज़ारे ओय क्या बात हो गयी…दिल ने दिल को पुकारा, मुलाकात हो गयी| गीत तो बजा मगर सियासी महफ़िल में ऐसा लग रहा था कि दिल से दिल को पुकार तो रहे है मगर वाकई में दिल मिल नहीं रहे है! जिनके लिए महफ़िल विशेष रूप से सजाई गयी थी महफ़िल में उनकी कुर्सी खाली ही बनी रही|
वैसे साहित्य और कला किसी विशेष वर्ग की मोहताज नहीं होती| महफ़िल में संगीत के प्रेमी पवन कुमार, डॉ जितेन्द्र यादव और डॉ सुबोध यादव भी महफ़िल में मौजूद थे| और वक़्त आया तो तीनो ने एक सुर में मंच पर पहुच “जय हो…” गाकर रंग भी बिखेर दिए| गीत तो एक से एक मारू गाये जा रहे थे मगर महफ़िल में कमबख्त हम न थे| अनवर और राजीव बेताव ने जब गया- रहे चाहे दुश्मन जमाना हमारा, सलामत रहे दोस्ताना हमारा|
और फिर जब महफ़िल अपने उतार पर पहुची तो फिर गीत भी उसी सुर में निकलने लगे| गाना जैसे महफ़िल में मौजूद सियासी माहौल पर कटाक्ष करता रंग दे रहा था- बोल निकले- मोहब्बत अब तिजारत बन गयी है, तिजारत अब मोह्हबत बन गयी है| और फिर चलते चलते सुना- कोई परदेशी आया, परदेश में …….|
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महफ़िल में डीएम पवन कुमार, सीएम प्रभुनाथ, डॉ सुबोध यादव, डॉ जीतेन्द्र यादव, डॉ अनीता रंजन, डॉ प्रशांत पाण्डेय, सरल दुबे, रोहित गोयल, रामकृष्ण राजपूत, उर्मिला राजपूत, पंचशील राजपूत, सपा नगर अध्यक्ष महताब खान, मो उस्मान और शिवाशीश तिवारी आदि प्रमुख लोग मौजूद रहे|