KAIMGANJ (FARRUKHABAD) : रात के अंधेरे में नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कर्मियों ने गर्भ निरोधक गोलियां (माला एन) हजारों पैकेट एक खेत में फेंक दीं। मौके पर पहुंचकर एसडीएम प्रहलाद सिंह ने निरीक्षण किया और मौजूद चिकित्सक डा0 राजीव शाक्य से जांचकर कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये।
नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से कुछ दूरी पर मुहल्ला कुकीखेल में अनबर जमा खां के तम्बाकू के खेत स्थित एक गड्ढे में हजारों की तादाद में माला एन की गर्भ निरोधक गोलियों के पैकेट रात के अंधेरे में स्वास्थ्य कर्मियों ने फेंक दी। सुबह जब खेतों पर काम करने के लिए गये तो लोगों की नजरें इन माला एन के पैकेटों पर पडी। मौके पर लोगों की भारी भीड जमा हो गयी। लोग इन पैकेटों को उठा उठाकर ले जाने लगे। इसके बाबजूद भी तमाम दवा मौके पर पडी रही। जब इस सम्बन्ध में चिकित्साधीक्षक से जानकारी लेना चाही तो पता चला कि वह छुट्टी पर हैं और अपना चार्ज डा0 राजीव शाक्य को दे गये हैं। जब उनसे बात की गयी तो उन्होंने कहा कि इस दवा का स्टाक एआरओ एस के गुप्ता के पास रहता है इसकी सही जानकारी वहीं दे सकेगे। जब एस के गुप्ता एआरओ से इस सम्बन्ध में बात की गयी और उन्हें इस गर्भ निरोधक गोली का एक पत्ता दिखाया तो उन्होंने बताया कि यह दवा 3 साल पहले की है। इसका चार्ज एएनम मुन्नी देवी का था। जबकि अभी कुछ दिन पूर्व ही एएनम का रिटायरमेन्ट हो चुका है।
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जब एआरओ से इस गोली के पत्ते पर पडी उत्पादन तिथि फरवरी 2013 और समाप्ति तिथि जनवरी 2016 की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यह मुन्नी देवी के अण्डर में थी। जबकि जो उत्पादन फरवरी 2013 की अंकित है और एक्पायरी डेट जनवरी 2016 की है। जब कि मुन्नी देवी का रिटायरमेन्ट 2011 में ही हो चुका था। सही जानकारी न देने पर ड0 राजीव शाक्य से पुनः बातचीत की गयी। लेकिन कोई भी संतोष जनक उत्तर न मिल सका।
दवा खेत में पडी होने की सूचना उपजिलाधिकारी प्रहलाद सिंह को मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर इन दवाओं का निरीक्षण किया और प्रभारी चिकित्सक डा0 राजीव शाक्य को कडे निर्देश देते हुये कहा कि इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई करे। वहीं उपजिलाधिकारी ने इन दवाओं को एक बोरी के भरवाकर डा0 राजीव शाक्य के सुपुर्द करा दिया है। बारहाल जो भी हो सरकार इन राष्ट्रीय कार्यक्रमों के तहत दी जाने वाली दवाओं पर करोडों रूपये खर्च कर लोगों तक इन दवाओं को पहुंचाने का दावा करती है लेकिन हकीकत इस बात से ही लगाई जा सकती है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपने दबंगई और हठधर्मी के रवैये से बाज न आकर इस तरह के कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं। जब राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली दवाओ को ही यह स्वास्थ्य कर्मचारी इस तरह खेतों व गड्ढों मे दफन कर कागजी कार्रवाई पूरी कर देगे तो इस स्वास्थ्य विभाग का क्या होगा।