FARRUKHABAD : कमालगंज क्षेत्र के ग्राम राजेपुर सरायमेदा में स्थित पैगामे हक मुस्लिम मैनारिटी एजूकेशन सोसाइटी के संचालक मोहम्मद अहसन ने भी आरटीआई एक्टिविस्ट एवं रिटायर्ड शिक्षक एनुल हसन के खिलाफ अनशन जिला मुख्यालय पर शुरू कर दिया है। मोहम्मद अहसन का आरोप है कि मदरसों के भ्रष्टाचार की पोल एनुल हसन निजी खुन्नस की बजह से खोल रहे हैं। एनुल हसन की निगाह उनके दामाद की 32 डिसमिल जमीन पर है। इसलिए वह लगातार अनशन व आरटीआई के माध्यम से दबाव बनाना चाहते हैं।
मोहम्मद अहसन का आरोप है कि आरटीआई कार्यकर्ता एनुल हसन के अनशन पर बैठने के पीछे मुख्य बजह 32 डिसमिल जमीन है। श्रीमती हसीना बेगम पत्नी स्वर्गीय अब्दुल हक निवासी राजेपुर सरायमेदा की भूमि गांव मोहनपुर दीनारपुर गाटा संख्या 288 रकबा 32 डिसमिल है। जिसमें सहखातेदार के रूप में एनुल हसन व उजाउद्दीन आदि हैं। एनुल हसन द्वारा हसीना बेगम की जमीन हड़पने के लिए इससे पूर्व कई षडयंत्र रचे जा चुके हैं। जिले से लेकर राज्य स्तर तक 90 वर्षीय हसीना बेगम के द्वारा गुहार लगायी गयी लेकिन हसीना बेगम का कोई सहारा नहीं बना। राजस्व अभिलेखों में पति की मृत्यु के बाद हसीना बेगम का नाम दर्ज है।
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जिसके बाद हसीना बेगम ने यह जमीन मोहम्मद अशद पुत्र फिराशत निवासी राजेपुर सरायमेदा को विक्री कर दिया था। एनुल हसन आदि ने हसीना बेगम व मोहम्मद असद के विरुद्व वाद प्रस्तुत किया जो विचाराधीन है।
असद रिश्ते में मदरसा संचालक मोहम्मद अहसन के दामाद हैं। जब एनुल हसन को कोई खुन्नस निकालने की बजह नहीं मिली तो उन्होंने दामाद की खुन्नस ससुर पर निकालनी शुरू कर दी और लगातार आरटीआई के माध्यम से मदरसे की परत दर परत भ्रष्टाचार का पर्दाफास करने लगे। फिलहाल मदरसा संचालक मोहम्मद अहसन ने अपने साथियों के साथ एनुल हसन के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया है। अब देखने वाली बात है कि प्रशासन इस पर क्या निर्णय करता है?