FARRUKHABAD : एक प्रेमी को अपनी प्रेमिका से शादी करना इतना महंगा पड़ गया कि पूर्व प्रेमियों की भांति जेल की हवा खाने के लिए पहुंच गया। हालांकि प्रेमी का दावा है कि उसने प्रेमिका से विवाह किया था। उसके ऊपर इल्जाम गलत लगा है। लेकिन सबूत और कानून सब प्रेमी के विपक्ष में खड़े थे तो पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
बीते चार सितम्बर को घारमपुर की एक किशोरी अपने प्रेमी के साथ रफूचक्कर हो गयी थी। किशोरी के पिता ने गांव की ही उसकी सहेलियों के खिलाफ बहला फुसलाकर भगा देने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद किशोरी को दिल्ली से बरामद भी कर लिया। लेकिन किशोरी के कथित पति का कोई सुराग नहीं लगा और लगता भी कैसे, मुकदमा तो कुछ और ही कह रहा था। तभी पुलिस की जांच के दायरे में नबाव न्यामत खां पूर्व निवासी मोहन शर्मा पुत्र रामदेव आ गया। जिससे पहले किशोर ने अपने किसी दोस्त के जाने की चर्चा की थी। पुलिस ने युवती के वयान भी अदालत में कराये। बीते कई दिनों से किशोरी का कथित प्रेमी भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। लेकिन प्रेमी मोहन शर्मा ने जो वयां किया वह बाकई में चौंका देने वाला है।
मोहन शर्मा ने बताया कि मैनपुरी रेलवे स्टेशन पर जून 2012 में घारमपुर की एक किशोरी से उसकी मुलाकात होती है। बातों ही बातों में दोनो एक दूसरे को अपना मोबाइल नम्बर दे देते हैं और फिर शुरू होता है फोन पर बातचीत करने का दौर। इस बीच कई दिन गुजर गये। एक दिन किशोरी ने अपने प्रेमी मोहन को घारमपुर के निकट स्थित एक मंदिर में बुलाया। मोहन के अनुसार प्रेमिका ने उसके मंदिर में ही चरण स्पर्श किये और कहा कि वह उससे शादी करना चाहती है। जिससे प्रेम का धागा और मजबूत हो गया। पुलिस की पूछताछ में नरेन्द्र ने किशोरी के ही अमेठी निवासी जीजा नरेन्द्र के भी शामिल होने की भी शामिल कही। मोहन के अनुसार किशोरी के जीजा ने कई बार अपने फोन से उसकी बात भी करायी और एक दिन वह आया कि जब वह लोग घर से भागने की तैयारी करने लगे। तारीख थी 4 सितम्बर युवती ने अपने सहेली के नम्बर से मोहन शर्मा के फोन पर घंटी की। मोहन से बातचीत के दौरान उसने उसे रेलवे रोड स्थित एक कम्प्यूटर की दुकान पर बुलाया। जहां दोनो ने मुलाकात की। मोहन के अनुसार किशोरी को लेकर वह टाउन हाल पहुंचा। जहां किशोरी ने कहा कि वह उससे शादी करना चाहती है। क्योंकि दोनो के बीच ही प्रेम कहानी का पता किशोरी के परिजनों को चल गया था। उन्होंने किशोरी को जमकर पीट दिया था। मोहन के अनुसार किशोरी ने काफी दबाव डाला तो दोनो घर से भाग निकले।
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7 सितम्बर को मैनपुरी के शीतला मंदिर में दोनो ने धार्मिक रीति रिवाज के साथ विवाह किया और मोहन शर्मा अपनी कथित पत्नी को लेकर दिल्ली रिडाला मैट्रो स्टेशन के पास पहुंचा। वहां पर कमरा किराये पर लेकर रहने लगा। लेकिन पुलिस तफ्तीश में किशोरी के पिता द्वारा लिखायी गयी तहरीर में नामजद घारमपुर निवासी युवती ने जब पुलिस को यह बताया कि किशोरी की फोन द्वारा एक युवक से बात होती थी और वह यहां अक्सर आता भी था और उसका नाम मोहन शर्मा बताया। मोहन शर्मा पहले से ही रेलवे रोड स्थित एक टाकीज के बाहर चाकू चलने के मामले में तफ्तीश के दायरे में था। पुलिस ने मोहन शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया और उस पर अपहरण के बाद किशोरी का बलात्कार किये जाने की धारा में चालान कर अदालत के सामने पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
मोहन का दावा है कि उसके पास किशोरी द्वारा दिये गये प्रेम पत्र और दोनो के विवाह इत्यादि की तस्वीरें भी हैं। लेकिन कानून तस्वीरों को नहीं मानता। कानून के हिसाब से किशोरी को नाबालिग पाया गया है। फिलहाल मोहन वर्मा अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया है।