FARRUKHABAD : जिला बार एसोसिएशन ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। जिसमें कहा गया कि वर्तमान में उच्चतम न्यायालय के आदेश के विपरीत सभी राजनीतिक दल एक राय होकर विधानसभाओं में अपराधियों को शरण देने का कानून बनाना चाहते हैं।
अधिवक्ताओं ने कहा कि कुछ समय पूर्व ही उच्चतम न्यायालय द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(4) को निरस्त करते हुए अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त एवं जेलों में निरुद्व व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से वंचित करते हुए देश एवं समाज के हित में विस्तृत निर्णय पारित किया गया है। जिससे समस्त राजनीतिक दलों में खलबली मच गयी है। सभी राजनैतिक दल आपस में साठगांठ कर षडयंत्र करके उच्चतम न्यायालय के निर्णय के विपरीत जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करने को प्रयासरत हैं।
अधिवक्ताओं ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश को स्वीकृत प्रदान कर उसे अग्रिम स्वीकृति एवं पुष्टि हेतु आपके यहां प्रेषित करने का हम सभी विरोध करते हैं। अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि देश एवं समाज के हित के विपरीत अध्यादेश को स्वीकृत प्रदान न करते हुए उसे अस्वीकार किया जाये। अन्यथा अधिवक्तागण अध्यादेश के विरोध में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
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अमर ज्योति एसोसिएशन ने भी राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा दागी एवं भ्रष्ट नेताओं को अनुचित व अविधिक लाभ पहुंचाने के आशय से पारित अध्यादेश के विरोध में अमर ज्योति एसोसिएशन ने भी महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। संगठन ने संशोधन किये जा रहे इस अध्यादेश की घोर निंदा व विरोध किया। इस दौरान विष्णुनरायन दीक्षित, शिवशरण मिश्र, राजीव बाजपेयी, अरुण त्रिवेदी, प्रकाश शुक्ला, सुभाषचन्द्र, सुदीप कुमार सिंह, पवन दुबे आदि मौजूद रहे।