लखनऊ: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के लिए शुक्रवार को होने वाले मतदान के दौरान संवेदनशील तथा अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गयी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपर जिलाधिकारियों, उप जिलाधिकारियों तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को वीडियोग्राफी की सुविधा सुलभ करा दी जाये, ताकि मतदान के समय किसी प्रकार की गड़बड़ी की स्थिति में वे इसका उपयोग कर सकें। वाहनों पर प्रतिबन्ध पूर्ववत जारी रहेगा।
उधर, राज्य सरकार ने भी निष्पक्ष एवं हिंसारहित मतदान कराने के लिए कमर कस ली है। संवेदनशील 23 जिलों में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी गयी है। तृतीय चरण के लिए 211 ब्लाकों की सभी ग्राम पंचायतों में मतदान 22 अक्टूबर को सबेरे सात बजे से होगा। इसके लिए प्रचार बुधवार की शाम पांच बजे समाप्त हो गया।
संयुक्त राज्य निर्वाचन आयुक्त जयप्रकाश सिंह ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि तीसरे चरण में 6,379 केन्द्र संवेदनशील व 7,916 अतिसंवेदनशील चिह्नित किये गये हैं। सबसे अधिक 363 केन्द्र मैनपुरी जिले में हैं। इसके बाद 235 आजमगढ़, 250 बलिया व 217 मुजफ्फरनगर में हैं। तीसरे चरण में 2.87 करोड़ मतदाताओं को 13,488 ग्राम प्रधानों सहित 1.97 लाख से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करना है। शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए 419 जोनल मजिस्ट्रेट, 2,678 सेक्टर मजिस्ट्रेट व 70 पर्यवेक्षक लगाये गये है तथा 73,237 केन्द्र व 1.78 लाख मतदान बूथ बनाये गये हैं।
उधर, एडीजी कानून-व्यवस्था बृजलाल ने पत्रकारों को बताया कि पहले दो चरणों की हिंसा को देखते हुए तीसरे चरण में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। इस बार 144 कम्पनी पीएसी लगायी गयी है, जबकि पहले व दूसरे चरण में 122 कम्पनी पीएसी थी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 1,03,711 नागरिक पुलिस, 91,600 होम गार्ड, 18,400 प्रांतीय रक्षक दल के जवान तथा 76,000 चौकीदार लगाये गये हैं। संवेदनशील 23 जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। किसी प्रकार की गड़बड़ी पर नजर रखने के लिए डीजीपी मुख्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना की गयी है।