लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंडलीय कमांडेंट होमगार्ड के स्थानांतरण मामले में होमगार्ड मंत्री को नोटिस जारी की है। मामले की सुनवाई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में होगी। पीठ ने जानना चाहा है कि स्थानांतरण मामले में मंत्री की भूमिका क्या है?
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यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मतीन व न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने याची संजीव कुमार शुक्ला की ओर से दायर याचिका पर दिए हैं। याचिका दायर कर याची ने स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी है। याची का आरोप है कि उसका स्थानांतरण मंत्री की शह पर किया गया है। याचिका में कहा गया कि याची लखनऊ में मंडलीय कमांडेंट के पद पर कार्यरत था। उसे पूर्व डीजी के आदेश से कंप्यूटर संाफ्टवेयर के जरिए ड्यूटी नियत करने का कार्य दिया गया। इसके लिए याची व एक अन्य को साफ्टवेयर पर तैनात किया गया। याची का आरोप है कि यह काम विभाग के अन्य शीर्ष अधिकारियों को नागवार गुजरा। इसके चलते याची का स्थानांतरण मंत्री की शह पर लखनऊ से सहारनपुर किया गया। याची ने स्थानांतरण आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की। सुनवाई के बाद अदालत ने मंत्री ब्रह्मशंकर त्रिपाठी को पक्षकार बनाने का आदेश याची को दिया। याची ने याचिका में मंत्री को पक्षकार बनाया। अदालत ने होमगार्ड मंत्री को नोटिस जारी करते हुए यह आदेश दिए हैं।