dios प्रभारी भगवत पटेल ने मंत्रियो का किया सार्वजनिक अपमान, क्या खटिया होगी खड़ी!

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फर्रुखाबाद: कहावत है कि गुड़ से परहेज करो तो फिर करो गुलगुले से भी वर्ना खटिया खड़ी ही समझो| वर्तमान लोकतान्त्रिक प्रणाली में जिस तरह से प्रशासनिक व्यवस्था खादी की चौखट पर दंडवत हो चली है ऐसे हालात में नेताजी अगर टेड़े हो गए तो बिस्तर बंधा समझो| अगर सब कुछ मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव के कहे के हिसाब से हुआ तो पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी की कुर्सी से खिसके और जिला विद्यालय निरीक्षक की कुर्सी पर जुगाड़ से प्रभार पाए भगवत पटेल को विधानसभा में माननीयो का अपमान करने का दंड मिलना तय है| अब पटेल साहब प्रशासनिक ताकत (गुड़) की जुगाड़ की दम पर कुर्सी पर जमे रहना चाहते है तो गुलगुले (नेताओ) से परहेज सम्भव नहीं है|

BSA BHAGWAT PATEL
शुक्रवार को जिले में लैपटॉप वितरण कार्यक्रम में पहले तो भगवत पटेल जो कार्यक्रम के प्रभारी भी है वितरण स्थल पर प्रोटोकाल के तहत मंत्रियो को उनकी गाड़ी तक लेने नहीं पहुचे| इसके साथ ही मंच से सम्बोधित करते हुए भगवत पटेल ने किसी भी मंत्री के नाम के आगे माननीय तक नहीं लगाया| उनका सम्बोधन था शिव कुमार बेरिया जी, नरेन्द्र सिंह जी, सतीश दीक्षित जी……| जबकि सरकारी अफसर/कर्मी के नाते उन्हें हर सम्बोधन से पहले माननीय लगाना चाहिए था| इस बात को लेकर मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव आग बबूला हो गए| गुस्से में मंत्री सतीश दीक्षित भी दिखे| उन्होंने भगवत पटेल की सार्वजनिक रूप से क्लास लगा दी| मौके पर ही जिलाधिकारी पवन कुमार ने भी भगवत पटेल को पढ़े लिखे होने के बाबजूद ऐसी गलतियाँ करने पर लताड़ लगायी| मगर मामला शांत नहीं हुआ है|
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पटेल बोले “सारी”
वैसे भगवत पटेल के जिले में जमे रहने में योगदान भी इन्ही का बताया जा रहा है| सार्वजनिक डांट खाने के बाद भगवत पटेल ने मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव को “सारी” बोल मामले को रफा करने का प्रयास किया मगर मंत्री जी का पारा सातवे असमान पर था| मंत्री सतीश दीक्षित भी इस मुद्दे पर नाराज दिखे| दोनों लोगो ने इसकी लिखित शिकायत विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश प्रशासन के समक्ष भेजने की बात की| अब भगवत पटेल ने गलती की या जानबूझकर माननीयो का अपमान किया ये तो तब पता चलेगा जब भगवत पटेल का कुछ बिगड़ पायेगा| वर्ना तो परीक्षा अब मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव की है!

लैपटॉप वितरण और फर्रुखाबाद में गड़बड़ी का चोली दामन का साथ है-लैपटॉप वितरण में कुछ न कुछ गड़बड़ी हो ही गयी| वैसे लैपटॉप वितरण में विवादों से पटेल साहब का पुराना नाता है| पिछली बार मुख्यमंत्री तक गलत सूचना के कारण इनकी जगह निवर्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक निलम्बित हो गए थे| और भगवत पटेल ने अपनी गर्दन पर लटकी तलवार एक अध्यापक के गले पर लटका दी थी| जिस गलती की वजह से उन्हें खुद निलम्बित किया जाना चाहिए था उस गलती की वजह से एक अध्यापक को निलम्बित कर दिया था| एक बार फिर पटेल साहब निशाने पर है मगर अबकी बार मुकाबला अधीनस्थ अध्यापक से नहीं सीधे सीधे प्रदेश के मंत्रियो का है|