FARRUKHABAD : सरकारी विभागों में कर्मचारियों की हीलाहवाली व लापरवाही आम बात है लेकिन यदि बात करें आरटीओ कार्यालय की तो सबसे अधिक भ्रष्टाचार व कामचोरी इसी में दिखायी दे रही है। बीते 31 अगस्त को एआरटीओ कयूम खां का स्थानांतरण गैर जनपद हो जाने के बाद से कार्यालय एक चपरासी के सहारे ही चल रहा है। दूर दराज से अपने वाहन रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस के सम्बंध में आने वाले लोग निराश होकर वापस लौट रहे हैं।
भ्रष्टाचार के लिए अग्रणी माने जाने वाले जनपद के आरटीओ विभाग में इस समय कर्मचारी व दलाल मिलकर गोलमाल करने में जुटे हुए हैं। दूर दराज से अपने कामों के लिए आने वाले लोगों का सीधे काम न होकर दलालों के सहारे हाथ के हाथ हो जा रहा है। यही नहीं सुबह होते ही आरटीओ कार्यालय के सामने दलालों की मण्डी सजती है। जिस मण्डी में समय के अनुसार ग्राहकों से धन उगाही की जाती है। फिर पिछले दरबाजे से सभी रिश्वत देने वाले ग्राहकों का काम बड़ी ही आसानी से कर दिया जाता है। कानून व नियम बताने वालों के लिए हमेशा के लिए यह खिड़की दरबाजे यह कहकर बंद कर दिये जाते हैं कि जब नये एआरटीओ साहब आयेंगे तब कार्यालय में काम शुरू होगा।
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वहीं 31 अगस्त को निवर्तमान एआरटीओ कयूम खां का स्थानांतरण जनपद मऊ हो जाने के बाद कन्नौज के एआरटीओ विनय कुमार को फर्रुखाबाद कार्यालय का चार्ज दिया गया। लेकिन विनय कुमार ने आज तक जनपद में आकर कोई भी कार्य नहीं निबटाया। वहीं जनपद में आरटीओ उदयवीर सिंह का स्थानांतरण किया गया था। उन्होंने भी अभी तक जनपद में आमद नहीं करायी। जिससे अभी तक आरटीओ विभाग सिर्फ चपरासी व लिपिकों के भरोसे चल रहा है। जहां दलालों का बोलबाला कायम है।