SHAMSHABAD (FARRUKHABAD): बीते दिनों से ही गंगा व रामगंगा का जल स्तर घट जाने से लोगों ने कुछ राहत की सांस ली थी। लेकिन बीते दिन से हो रही लगातार बारिश के चलते एक बार फिर दोनो नदियां उफान पर पहुंच रहीं हैं। वहीं गंगा तट पर बसे ग्रामों में कटान तेज हो गया है। जिससे ग्रामीणों की मुस्किलें और भी बढ़ती दिखायी दे रही हैं।
जनपद में दर्जनों गांव लगभग दो माह से गंगा व रामगंगा के सैलाव में जलमग्न है। ग्रामीण जैसे तैसे अपनी व अपने पशुओं की जिंदगी बचाने को मजबूर हैं, बीते सप्ताह से लगातार घट रहे गंगा व रामगंगा के जल स्तर से ग्रामीणों को बाढ़ से कुछ निजात मिलती दिखायी दे रही थी। लेकिन शुक्रवार से दोबारा शुरू हुई बारिश ने एक बार फिर ग्रामीणों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
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गंगा का जल स्तर एक 136.20 मीटर पर पहुंच गया है। शनिवार को गंगा में नरौरा बांध से 90 हजार 64 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे फिलहाल जल स्तर में और भी बढ़ोत्तरी की आशंका जतायी जा रही है। वहीं रामगंगा का जल स्तर 136.30 मीटर पर पहुंच जाने से क्षेत्र में सैलाब की और भी भयंकर स्थिति हो गयी है। रामगंगा में 13552 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम कटरी तौफीक व सादौं सराय में ग्रामीणों ने घरों को छोड़कर सड़क पर डेरा जमा लिया था। लेकिन गंगा के कटान में अब सड़क भी लगातार कट रही है। जिससे ग्रामीण असमंजस में पड़े हुए हैं कि अब जायें तो कहां जायें। प्राइमरी विद्यालय कटरी तौफीक की एक दीवार गंगा में समा चुकी है। जल्द ही कटान रोकने का प्रशासन द्वारा कोई उपाय न किया गया तो पूरा विद्यालय गंगा के तेज बहाव में कट जायेगा।
ग्रामीण मुलायम सिंह, हंसराम, संजय, रामगुलाम, अनिल बीपी सिंह, सर्वेश, ने बताया कि गांव के अधिकांश उपजाऊ भूमि कट चुकी है। जिससे आने वाले दिनों में उन्हें बेरोजगारी व भुखमरी का सामना करना पड़ेगा।