अलीगढ़। उत्तर प्रदेश मेंअलीगढ़ जिले के पालाचंद गांव में पिछले चार दिनों से जाट बहुल इलाके के लोगों ने करीब आठ सौ मुस्लिम परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर रखा है। यह मामला प्रेम प्रसंग का है। दरअसल जाट समुदाय को एक जाट लड़की का मुस्लिम समाज के युवक से भाग जाना करना इस कदर नागवार गुजरा कि उन्होंने पंचायत में मुस्लिम समाज के सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय ले डाला।
इसके तहत मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति को जाट समुदाय के किसी व्यक्ति की दुकान से समान खरीदना और बेचना, आपस में बातचीत करना, खेतों पर काम करना और यहां तक कि मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति से दूध तक खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
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यह पूरा मामला उन दो प्रेमी युगल की वजह से हुआ है जो एक साथ पढ़ाई करने के दौरान एक दूसरे को अपना दिल दे बैठे। इसमें लड़की पालाचंद गांव की थी तो लड़का बुलंदशहर जिले के खुर्जा का है। इन दोनों ने हाई स्कूल तक एक साथ पढ़ाई की। वहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद भी दोनों एक दूसरे के संपर्क में रहे। 1 जुलाई को दोनों पालाचंद गांव में एक शादी में मिले और वहां से भाग गए। इसके बाद दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया। हालांकि पांच अगस्त को उत्तर प्रदेश पुलिस ने युवती का पता लगा लिया गया। लेकिन युवती की मांग पर उसको नारी निकेतन भेज दिया गया। अलीगढ़ के एसएसपी धर्मवीर यादव के मुताबिक लड़की ने अपने घरवालों के पास जाने से साफ इंकार कर दिया, जिसके बाद उसको मथुरा में नारी निकेतन भेज दिया गया।
इस पूरी घटना के बाद दोनो समुदायों के बीच कुछ झड़प भी हुई जिसमें पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद जाट समुदाय ने पंचायत बुलाकर पूरे मुस्लिम समुदाय का सामाजिक बहिष्कार करने का फरमान जारी कर दिया। पंचायत के इस फैसले से गांव के मुस्लिम लोग खासा नाराज हैं। उनका कहना है कि जिस युवक के साथ लड़की भागी थी वह न तो इस गांव का है और न ही उसका इस गांव के किसी भी व्यक्ति से कोई नाता है। लिहाजा जाट समुदाय का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला पूरी तरह से अनुचित है।