आश्रम का बयान- 15 अगस्त को आशाराम बापू जोधपुर आश्रम में थे ही नहीं, आरोप झूठे

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Asharam Bapuअमदावाद – लंबे समय से संत श्री आशारामजी बापू व आश्रम को बदनाम करने के उद्देश्य से तरह-तरह के आरोप लगाये जा रहे थे| उनमें से कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ है। जैसे कि गुरुकुल के बच्चों पर तांत्रिक विद्या की बात को भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके समाज को गुमराह किया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आश्रम में तांत्रिक विद्या होने की बात को नकार दिया। अब एक नयी सोची-समझी साजिश के तहत एक नाबालिग लडकी के द्वारा आरोप लगवाया गया है|
आरोपी ने कहा है कि 15 अगस्त को जोधपुर (राज.) में उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। यह बिलकुल निराधार और झूठ है क्योंकि बापूजी 15 अगस्त को जोधपुर आश्रम में थे ही नहीं|
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आरोपी लड़की शाहजहाँपुर (उत्तर प्रदेश) की रहनेवाली है लेकिन एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए उसने दिल्ली को ही चुना। क्योंकि सिर्फ दिल्ली प्रदेश में ही ऐसा कानून है कि कोई भी लड़की शिकायत दर्ज कराए तो पहले उसकी एफ. आई. आर. दर्ज करे व बाद में जाँच की जाए| इसी का फायदा उठाकर दिल्ली के कमला मार्केट में एफ. आई. आर. दर्ज की गई|
मेडिकल जाँच रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है | इन सभी तथ्यों के आधार पर यह आरोप सिर्फ संत श्री आशारामजी बापू को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश है|
संत श्री आशारामजी बापू पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं| और जब तक कोई भी आरोप सिद्ध नहीं होता तब तक करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र संत श्री आशारामजी बापू के बारे में असम्माननीय, अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का प्रयास करना| आश्रम ऐसा करने वालो की कड़ी आलोचना करता है व ऐसी झूठी और निराधार खबरों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की माँग करता है।
डॉ.सुनील वानखड़े, केन्द्रीय मिडिया प्रभारी,
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आश्रम की और से सुनील की फेसबुक में ये प्रेस रिलीज़ जारी की गयी है|