ऐसा लगता है कि तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल में लाल रंग के लिए कोई जगह नहीं बची है। सरकारी गाड़ियों में लाल बत्ती का इस्तेमाल सीमित बनाने से जुड़े 5 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने इन बत्तियों को हरा रंग देने की कवायद शुरू कर दी है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक खेल एवं परिवहन मंत्री मदन मित्रा ने कहा, ‘पहले हमने लाल झंडे हटाए थे और अब गाड़ियों पर लगने वाली लाल बत्तियों की बारी है।’
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उन्होंने कहा, ‘गवर्नर की कार के अलावा वीआईपी की दूसरी सभी लाल बत्ती वाली गाड़ियों पर अब हरी बत्ती नजर आएगी।’
मित्रा के मुताबिक इस संबंध में एक फाइल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेज दी गई है। उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में लाल के लिए कोई जगह न हो। मैंने इस बारे में दीदी से चर्चा की थी और उन्होंने अपनी मंजूरी दे दी है।’
सरकार ने कई इमारतों और सरकारी दफ्तरों की दीवारों पर हरा रंग कर दिया है और यहां तक कि निजी इमारतों के मालिकों को भी कुछ ऐसा ही करने के लिए कहा है।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लाल बत्तियां और सायरन समाज के लिए बड़ी दिक्कत है और सरकार को इसका इस्तेमाल रोकना चाहिए। तृणमूल ने इसका यह समाधान निकाला है कि बत्तियों का रंग ही बदल दिया जाए।
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