नई दिल्ली: यदि अभी चुनाव हो जाएं तो क्या होगा देश का जनादेश? इस वक्त चुनाव होने पर यूपीए-एनडीए नहीं बल्कि थर्ड फ्रंट बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। सरकार बनाने में समाजवादी पार्टी की भूमिका अहम होगी। ऐसे में मुलायम पीएम पद के सबसे करीब होंगे। इंडिया टुडे-सी वोटर के ऑपिनियन पोल पर यकीन करें तो देश की तस्वीर कुछ ऐसी ही होगी।अगस्त 2013 में आम चुनाव होने पर मोदी की अगुआई में भी एनडीए को कामयाबी मिलती दिखाई नहीं दे रही है। सर्वे के मुताबिक यूपीए-कांग्रेस विरोधी लहर का फायदा सीधे-सीधे अन्य दलों को मिलता दिखाई दे रहा है, जिसके खाते में 251 सीटें जाएंगी।साल 2009 के आम चुनाव में यूपीए 259 सीटें मिली थीं, लेकिन अगस्त 2013 में लोकसभा चुनाव हुए तो यूपीए की यह संख्या घटकर 137 सीटें पर आ जाएंगी। यूपीए को 122 सीटों का भारी नुकसान हो रहा है। ऑपिनियन पोल के मुताबिक यूपीए को नुकसान होने के साथ एनडीए को भी फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। एनडीए को 155 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि 2009 के चुनाव में उसे 159 सीटें मिली थीं। हालांकि अब जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं है जो कि एक बड़ा फैक्टर है।
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दिल्ली का उलझा समीकरण: देश की राजधानी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) कांग्रेस-बीजेपी का खेल बिगाड़ती दिखाई दे रही है। 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-बीजेपी दोनों को ही 28-28 सीटें मिलेंगी। साल 2008 में यह आंकड़ा 43-23 का था। कांग्रेस को 15 सीटों का नुकसान हो रहा है। AAP के खाते में 9 सीटें जाएंगी। दिल्ली की टक्कर में बीजेपी को भारी फायदा नहीं मिल रहा है और केजरीवाल की पार्टी उसके वोट में सेंध लगाने में कामयाब दिखाई दे रही है।छत्तीसगढ़ पर कब्जा जमाएगी बीजेपी: छत्तीसगढ़ में जनता का विश्वास रमन सरकार पर कायम है। 2008 के मुकाबले 5 सीटों के नुकसान के साथ ही सही लेकिन बीजेपी को 45 सीटें मिल रही हैं। वहीं, कांग्रेस को 4 सीटों के फायदे के साथ 42 सीटें मिलेंगी। राज्य विधानसभा में कुल 90 सीट है।
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राजस्थान में वसुंधरा की लहर: ऑपिनियन पोल के मुताबिक राजस्थान में वसुंधरा की वापसी हो रही है। कांग्रेस 17 सीटों के नुकसान के साथ 79 पर सिमटेगी और बीजेपी 19 सीटों के फायदे के साथ 97 के आंकड़े पर पहुंच रही है। राज्य विधानसभा में कुल सीटें 200 हैं। बीएसपी को इस बार 5 और अन्य को 19 सीटें मिल रही हैं।
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