फर्जी लाइसेंस घोटाले में सीआईडी जांच शुरू, एआरटीओ कार्यालय का रिकार्ड ज़ब्त

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FARRUKHABAD : जनपद में एआरटीओ कार्यालय में फर्जी लाइसेंस और वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन के घोटाले की जांच अब प्रदेश सरकार ने सीआईडी को सौंप दी है। जांच एजेंसी के निर्देशानुसार जनपद स्थित एआरटीओ कार्यालय की सभी पुरानी पत्रावलियां सोमवार को विभागीय अधिकारी भरकर कानपुर ले गये। घटना से विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के अतिरिक्त लम्बे समय से कार्यरत दलालों में भी हड़कंप मच गया है।
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Recordविदित है कि जनपद स्थित सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) कार्यालय में घपलों और घोटालों का दौर लम्बे समय से जारी है। आस पास के जनपदों से चोरी कर लाये गये वाहनों के फर्जी पंजीकरण और अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षरों से लाइसेंसों के जारी होने का पुराना और लम्बा इतिहास है। जनपद में बने विभिन्न फर्जी लाइसेंस और वाहनों के पंजीकरण अभिलेखों का खुलासा दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में सामने आता रहा है। दिल्ली सरकार की शिकायत के आधार पर प्रदेश सरकार ने इस सम्बंध में सीआईडी इन्क्वायरी के आदेश कर दिये हैं। जांच एजेंसी ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। जांच अधिकारियों के निर्देश पर सोमवार को क्षेत्रीय परिवहन आयुक्त अपने साथ कन्नौज के एआरटीओ व आर आई को लेकर यहां पहुंचे और प्रातः लगभग 10 बजे कार्यालय खुलते ही समस्त पुराने अभिलेख अपने साथ लाये वाहनों में भरवाना शुरू कर दिया। लगभग एक घंटे तक चली कार्यवाही के उपरांत अधिकारियों की टीम अभिलेख लेकर यहां से कानपुर के लिए रवाना हो गयी।
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अचानक हुई इस कार्यवाही से विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के अतिरिक्त यहां पर लम्बे समय से कार्यरत दलालों में भी हड़कपं की स्थिति बनी हुई है। बताते हैं कि इस घोटाले में यहां पर लम्बे समय से कार्यरत एक चपरासी की भी अहम भूमिका है। जो विभाग में कर्मारियों की कमी के चले बाबूगीरी करता है, व अधिकारियों को मुहं लगा रहा है।