राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन में एक साल पूरा कर लिया है। खालिस सियासी गलियारों से आने वाले प्रणब दा की ताजपोशी के वक्त कहा जा रहा था कि उनका कार्यकाल कुछ खास रह सकता है। और ऐसा हुआ भी।
प्रणब मुखर्जी ने अपने एक साल के कार्यकाल में कई बड़े फैसले किए। कुछ गुनहगारों की क्षमा याचिका खारिज कर उन्हें फांसी के फंदे तक पहुंचाया और राजसी ठाठ रखने वाले राष्ट्रपति भवन के दरवाजे आम आदमी के लिए खोल दिए।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
आइए नजर डालें प्रणब दा के 10 बड़े फैसलों परः
1. मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब और संसद पर हमले के गुनहगार अफजल गुरु की दया याचिका कर उन्हें सजा-ए-मौत की राह में खड़ी बड़ी बाधा हटाई।
2. राष्ट्रपति को संबोधित करते वक्त महामहिम और हिज एक्सीलेंसी से शब्द इस्तेमाल न करने का आग्रह किया और साथ ही दूसरे राज्यपालों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया।
3. यह तय किया कि ज्यादातर समारोह राष्ट्रपति भवन के भीतर हों, ताकि राष्ट्रपति की आवाजाही से आम लोगों को परेशानी न हो, ट्रैफिक को लेकर दिक्कतें पेश न आएं।
4. राष्ट्रपति भवन में होने वाले समारोह के दौरान उन लोगों के लिए प्रोटोकॉल और सिक्योरिटी से जुड़ी पाबंदियां हटवाईं, जो राष्ट्रपति से बातचीत करना चाहते हैं।
5. प्रणब दा ने दस साल के बाद सेंटल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की कॉन्फ्रेंस करवाई। साथ ही यूनिवर्सिटी में इनोवेशन क्लब की पहल भी की।
6. राष्ट्रपति भवन में बने दरबार हॉल की रूप-रंगत पर नए सिरे से काम करवाया। अब ज्यादातर समारोहों में इसका इस्तेमाल होता है।
7. राष्ट्रपति भवन में बनी लाइब्रेरी का चेहरा चमकाया। इससे 1795 ईसा पूर्व की प्राचीन और दुर्लभ किताबों को सहेजकर रखने की कवायत शुरू हुई।
8. राष्ट्रपति भवन का टूर सप्ताह में तीन दिन आम लोगों के लिए खोला गया। इसके लिए अब आप ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं।
9. राष्ट्रपति भवन में होने वाली गार्ड चेंज सेरेमनी को लेकर भी दरवाजे खुले। आम जनता सप्ताह में एक बार इसका आनंद ले सकती है।
10. राष्ट्रपति भवन में इंटर्न के लिए प्रोग्राम शुरू कराए। साथ ही ई गवर्नेंस को बढ़ावा दिया। सांस्कृतिक समारोह के लिए ई-निमंत्रण भेजे जाते हैं। इसके अलावा प्रेसिडेंशियल अपॉइंटमेंट के डॉक्यूमेंटेशन के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल होने लगा है।