नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आम आदमी पार्टी (आप) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए पार्टी जल्द से जल्द अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने में जुटी है। उधर, कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख दलों ने अभी यह प्रकिया शुरू नहीं की है। हालांकि आप उम्मीदवारों की सूची जारी होने से दिल्ली के सियासी गलियारे में सुगबुहाहट जरूर शुरू हो गई है।
आप ने दिल्ली की नौ सीटों के लिए उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट में एनएसजी कमांडो सुरेंद्र कुमार का नाम भी शामिल है, जिन्होंने मुंबई के 26/11 आतंकी हमले में आतंकवादियों से लोहा लिया था। सुरेंन्द्र कुमार को दिल्ली कैंट से उम्मीदवार बनाया गया है। शहीद मेजर उन्नीकृष्णन के नेतृत्व में कमांडो सुरेंद्र सिंह ने ऑपरेशन ब्लैक थंडर में हिस्सा लिया। वह आतंकियों से आमने-सामने की लड़ाई में बुरी तरह जख्मी हो गए थे। कमांडो सुरेंद्र सिंह ने सेना में करीब 14 साल की नौकरी के दौरान करगिल युद्ध, ऑपरेशन पराक्रम, आपरेशन सद्भावना और ऑपरेशन ब्लैक थंडर मे हिस्सा लिया था।
पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के बाद उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई। उम्मीदवारों की तीसरी सूची में आरटीआई और पर्यावरण एक्टिविस्टों को भी शामिल किया गया है। इन नौ प्रत्याशियों में से दो महिलाएं हैं। इस तरह आम आदमी पार्टी अब तक कुल 29 विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुकी है।
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इसके अलावा आठ अन्य विधानसभाओं के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची जारी की जा चुकी है। फिलहाल उन नामों पर जनता की राय ली जा रही है। उसके बाद सक्रिय वॉलेंटियर्स की राय ली जाएगी और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति उस पर अंतिम निर्णय लेगी।
पता : पीरु विहार, दिल्ली छावनी
शिक्षा : एम.ए
आजीविका : पेंशन
संपत्ति : पैतृक घर, एक कार और बचत के तौर पर सेना से रिटायर होने के बाद मिली राशि
मुकदमा : कोई नहीं
परिचय : कमांडो सुरेंद्र सिंह ने सेना में करीब 14 साल की नौकरी के दौरान करगिल युद्ध, ऑपरेशन पराक्रम, ऑपरेशन सदभावना और ऑपरेशन ब्लैक थंडर (26/11 के मुंबई में आतंकी हमले के बाद एनएसजी का ऑपरेशन) में शामिल होकर देश का गौरव बढ़ाया है। ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान ताज होटल को आतंकियों से खाली कराने के लिए एनएसजी कमांडोज की जिस टुकड़ी को हेलिकॉप्टर से उतारा गया, उसमें कमांडो सुरेंद्र भी थे। आंतकियों से हुई आमने-सामने की लड़ाई में कमांडो बुरी तरह जख्मी हो गए। बम के धमाके के कारण उनकी सुनने की शक्ति 100 प्रतिशत खत्म हो गई। कमांडो सुरेंद्र को विकलांगता की वजह से सेना से सेवामुक्त कर दिया गया। जनलोकपाल आंदोलन में भी सक्रिय रहे हैं और आम आदमी पार्टी में भी निरंतर सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
पता : फतेह नगर, नई दिल्ली-18
शिक्षा : इंटरमीडिएट, इंश्योरेंस लाइसेंसिएट
आजीविका : बीमा कारोबार
संपत्ति : स्वयं के नाम पर एक घर, पत्नी के नाम पर एक दफ्तर
मुकदमा : कोई नहीं
परिचय : जगदीप ने 1984 के कत्लेआम के दर्द को झेला है। 1984 के सिख विरोधी दंगों में इन्होंने अपने पिता को खोया था, लेकिन इसके बाद परिवार ने खुद को संभाला। आज जगदीप सिंह एक सेल्फमेड मैन हैं। वे बीमा का कार्य करते हैं। इसी दौरान स्वास्थ्य बीमा के सिलसिले में कई ऐसे गंभीर मरीजों से परिचय हुआ, जिनकी सेवा करने वे खाली समय में अस्पताल जाने लगे। इसके बाद से अस्पतालों में जाकर गरीब मरीजों की सेवा करना, उन्होंने अपना नियम बना लिया है। जब अन्ना जी को तिहाड़ में बंद किया गया था, उस समय से ये जनलोकपाल आन्दोलन और अब आम आदमी पार्टी में सक्रिय हैं।
कपिल मिश्रा
पता : यमुना विहार, दिल्ली-53
शिक्षा : मास्टर्स इन सोशल वर्क
आजीविका : एमनेस्टी इंटरनेशनल में नौकरी
संपत्ति : गाजियाबाद में एक फ्लैट, पत्नी के नाम पर एक कार
मुकदमा : कोई नहीं
परिचय : कपिल मूलतः एनवायरनमेंटल एक्टिविस्ट हैं। कॉमनवेल्थ विलेज बनने की वजह से यमुना को हो रहे नुकसान के विरोध में हुए सत्याग्रह में बहुत अहम् भूमिका निभाई थी। सरकार तक इस मुद्दे को पहुंचाने के लिए कपिल दिल्ली विधानसभा में घुस गए और दर्शक दीर्घा से अपनी बात रखी। निर्माण कार्य के दौरान श्रमिक कानूनों का पालन सुनिश्चित करने के लिए इन्होंने लंबा अभियान चलाया था। यमुना नदी के संरक्षण के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जनजागरण के लिए इन्होंने दिल्ली से मथुरा होते हुए आगरा तक की जनजागरण यात्रा का भी आयोजन किया। कॉमनवेल्थ घोटाले के विरोध में सबसे पहले आवाज उठाने वालों में शामिल रहे हैं। इनकी माताजी वर्तमान में भाजपा से जुड़ी निगम पार्षद हैं और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रह चुकी हैं।