मिस्र में मुरसी का तख्तापलट, मुख्य न्यायाधीश को कमान

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Mishrनई दिल्ली। मिस्र में सेना ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी को पद से हटा दिया है। इस तख्तापलट के बाद राजधानी काहिरा के तहरीर चौक पर जश्न का माहौल है। बीती रात सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर मुरसी के तख्तापलट का ऐलान किया। मुरसी की जगह देश की कमान फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंप दी गई है,जो नए राष्ट्रपति का चुनाव होने तक सत्ता संभालेंगे।

दरअसल सेना ने राष्ट्रपति मुरसी को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि वो जनता की मांग मान लें। जनता ने मुरसी पर इस्लामी कट्टरपंथ थोपने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की थी। लेकिन मुरसी ने खुद को निर्वाचित राष्ट्रपति बताते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जैसे ही 48 घंटे की मियाद खत्म हुई, सेना ने मुरसी को गद्दी से हटाने का ऐलान कर दिया। मिस्र के सैन्य कमांडर अब्दुल फतह अल सीसी ने मुरसी की जगह मुख्य न्यायधीश को सत्ता सौंपते हुए संविधान को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐलान किया। अल सीसी ने जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव कराए जाने की भी घोषणा की है।

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जानकारी के मुताबिक सेना ने राष्ट्रपति मुरसी और उनकी सहयोगी पार्टी मुस्लिम ब्रदरहुड के बड़े नेताओं के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। खबर ये भी आ रही है कि सेना ने मुरसी को उनके घर में ही नजरबंद कर लिया गया है। सत्ता परिवर्तन के बाद मुरसी समर्थित इलाकों में तनाव देखते हुए राजधानी काहिरा के कई इलाकों में सेना की बख्तरबंद गाड़ियां तैनात की गई हैं और सड़कों पर जवान गश्त लगा रहे हैं। मुरसी समर्थकों और मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं ने सेना की कार्रवाई पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे तख्तापलट बताया है।

इससे पहले मंगलवार को मुरसी ने राष्ट्रपति की कुर्सी नहीं छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि वो पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं। 61 साल के मुरसी ने अपने भाषण में लोगों आगाह करने वाले अंदाज में कहा कि अगर उनके पद की संवैधानिक वैधता का सम्मान नहीं किया गया तो सड़कों पर और खून बहेगा। मोरसी के बयान पर सेना ने सख्त टिप्पणी की थी और कहा था कि वो पूरी तैयारी के साथ दखल देगी।

सेना ने जनता को भरोसा दिलाया कि मिस्र के लोगों को आतंकित होने देने के बजाय जान देना हमारे के लिए अधिक सम्मानजनक रहेगा। हम कसम खाते हैं कि आतंकवादियों, कट्टरपंथियों और अज्ञानी संगठनों के खिलाफ मिस्र और अपने लोगों के लिए खुद को कुर्बान कर देंगे। 24 जून को ही मुरसी ने बतौर राष्ट्रपति एक साल का कार्यकाल पूरा किया था। 2011 में अरब क्रांति के बाद तानाशाह होस्नी मुबारक को सत्ता से बेदखल कर जनता ने मुरसी को कमान सौंपी थीं।

सेना ने कहा है कि वो जल्द ही राजनीतिक रोडमैप तैयार करेगी। ये रोडमैप सेना के साथ साथ अल अजहर के शेख और प्रमुख विपक्षी नेता मोहम्मद अलबरदेई मिलकर तैयार करेंगे। अल अजहर को मिस्र का सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित इस्लामी संस्थान माना जाता है। माना जा रहा है कि रोडमैप तैयार होने में कुछ वक्त लग सकता है तब तक मुल्क की कमान मुख्य न्यायाधीश ही संभालेंगे।