फर्रुखाबाद: ट्रक में लदी 31 गायों को ग्रामीणों ने कसाइयों से तो बचा लिया, परंतु इसके बावजूद 22 गायें गर्मी और भूख-प्यास से मर गयी। शेष बची 9 गायों की स्थिति भी मरणासन्न जैसी है। आम आदमी पार्टी के आधा दर्जन कार्यकर्ताओं ने मौके पर जाकर फोटो सेशन कराया। उन्होंने गोवंश के तस्करों पर कार्रवाई का तो वादा किया पर गायों को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया। इस दौरान नंदी सेना के कार्यकर्ता भी नजर नहीं आ रहे हैं।
विदित है कि शुक्रवार को फर्रुखाबाद से बदायूं की ओर जा रहे एक ट्रक का पहिया रेत में फंस गया। इस दौरान ट्रक से गायों के रंभाने की आवाजें आयीं तो ग्रामीणों ने ट्रक को घेर लिया। ग्रामीणों से घिरा देख कर ट्रक पर सवार लोग व चालक भाग गये। ग्रामीणों ने घटना की सूचना राजेपुर थाने को दी। दोपहर लगभग 11 बजे की सूचना पर पुलिस शाम के लगभग 7 बजे मौके पर पहुंची। पूरी दोपहर तपती धूप में ट्रक में ठुंसे-ठुंसे 31 गायों में से 19 ने तो इस दौरान ट्रक में ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से ट्रक खुलवाया व जिंदा बचीं 12 गायों को वहां के ही 8 स्थानीय ग्रामीणों की सुपुर्दगी में दे दिया। मृत पायी गयी 19 गायों की लाशें वहीं गांव के पास सड़क के किनारे पड़ी रहीं। जिन में इस समय बुरी तरह सडांध आने लगी है, व उस रास्ते से निकलना तक दूभर है।
जिन 12 गायों को ग्रामीणों की सुपुर्दगी में दिया गया था उनमें से भी 3 अब तक बीमारी व भूख-प्यास से दम तोड चुकी हैं। शेष अभी जीवित बची 9 गायों की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान पशु चिकित्सालय को सूचना दी तो वहां के चिकित्सक ने पुलिस केस होने के कारण इलाज से इनकार कर दिया। इस विषय में पुलिस को सूचना देने पर उल्टे पुलिस ग्रामीणों को ही हडका रही है। बहर हाल ग्रामीणों ने जिन 31 गायों को कसाइयों के चंगुल से बचाया था, उनमें से 22 अबतक मर चुकी हैं। शेष 9 भी मरणासन्न हैं।
रविवार को आम आदमी पाट्री के आधा दर्जन कार्यकर्ता कई महिला कार्यकर्ताओं के साथ जाकर मौके पर फोटो सेशन तो कर आये परंतु मरणासन्न गायों को बचाने का अभी तक कोई प्रयास शुरू नहीं हुआ है। गौ-रक्षा के मुद्दे पर अक्सर मुखर दिखने वाली नंदी सेना के कार्यकर्ता फिलहाल तो नदारद ही नजर आ रहे हैं।