सियासत की भेट चढ़ता फर्रुखाबाद का संकिसा बौध महोत्सव

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sankisa boudh mahotsavaफर्रूखाबाद: 25 मई को आयोजित होने वाले बौध महोत्सव सियासत की भेट न चढ़ जाए| इस बात के आसार इस धार्मिक आयोजन पर पड़ते नजर आ रहे है| धर्म के राजनीतिकरण करने पर ऐसी समस्याए आना आम बात है| वो भी जब नेता धार्मिक आयोजन में भी वोट बैंक ढूँढता हो|

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संकिसा में बौध महोत्सव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाग न लेने पर यह चर्चा आम हो चली है| यही नहीं उनके नाम का इस्तेमाल कर बौध महोत्सव के प्रचार के लिए लगाये गए होल्डिंग बैनर और पोस्टर भी मजाक बन कर रह गए है| खबर है कि जो पोस्टर और पम्पलेट बच गए है आक्रोश में सार्वजनिक स्थान पर जलाये जा सकते है|

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वैसे भी धार्मिक आयोजन करने वालो ने इन कार्यक्रमों का राजनीतिकरण कर डाला है| दोष राजनीती करने वाले नेता का भी नहीं है| उसे तो केवल भीड़ और वोट बैंक की तलाश होती है| धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन करने वालों ने किस लालच वश ये सब किया ये अलग मुद्दा है मगर सत्ता बदलने के साथ इन धार्मिक आयोजन के मंचो पर बदलते राजनैतिक चेहरे हर गवाही दे देते है| आलम ये है कि एक सपा कार्यकर्ता ने अपने यहाँ भागवत कथा का आयोजन कराया और भीड़ जुटाने के लिए आमंत्रण कार्ड पर मुख्य अतिथि में एक कैबिनेट स्तर के मंत्री का नाम छाप कार्ड बाट डाले| यानि धार्मिक आयोजन में भी मुख्य अतिथि भगवान की जगह मंत्री को बनाया| भला हो उस मंत्री का जब उन्होंने कार्ड देखा तो आग बबूला हो उठे और मुख्य अतिथि से अपना नाम कटवाया| हालाँकि वे उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे|

जिले में कई स्थानों पर 25 मई को संकिसा में आयोजित बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम को लेकर होर्डिंग लगाये गये हैं। संकिसा तिराहे एवं मोहम्म्दाबाद मार्ग पर मुख्य अतिथि के रूप में मुलायम सिंह यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी, सांसद रामगोपाल यादव एवं अखिलेश यादव मुख्यमंत्री, रामसेवक यादव राज्यमंत्री आदि के फोटो वाले होर्डिंग लगाये गये है। बुद्ध महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक टी प्रसाद शाक्य की ओर से प्रदेश के अनेकों जिलों में लाखों पंपलेट बांटे गये हैं। जिसमें मुख्य अतिथि मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव के नाम प्रकाशित है। सहसंयोजक नागेन्द्र शाक्य ने भी मुलायम सिंह व अखिलेश की फोटो वाले हजारों पंपलेट एवं होर्डिंग बनवाये। कार्यक्रम स्थगित हो जाने के कारण प्रचार सामग्री को फिलहाल वितरित नहीं किया गया है। इस सामग्री को रद्दी में बेचा जायेगा या जलाया जायेगा यह निर्णय बाद में किया जायेगा।