FARRUKHABAD : फतेहगढ़ कचहरी में एकत्रित हुए वकीलों ने देश में हो रहे भ्रष्टाचार पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी कमलेश कुमार को सौंपा।
पत्र में वकीलों ने कहा कि देश संकटों से घिरा है। चारो तरफ छाये हुए संकटों के घनघोर बादल इस राष्ट्र के अतित्व को मिटाने के लिए तत्पर है। कांग्रेस सरकार कुर्सी के लिए राष्ट्रीय हितों से समझौता करती आयी है। सीमायें असुरक्षित हैं। भ्रष्टाचार, काला धन, कानून व्यवस्था, अराजकता, नक्सलवाद, आतंकवाद, घुसपैठ, घोटाले आदि गंभीर समस्यायें कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों का बखान करने को काफी है। सरकार एक घोटाले में फंसती है उसकी जांच हो नहीं पाती, तब तक उससे बड़ा दूसरा घोटाला सामने आ जाता है। घोटालों में उलझी सरकार निराकरण नहीं खोजती, तब तक चीन-भारत की धरती पर कब्जा जमा लेता है। सरकार सोती रहती है एक समस्या से जनता का ध्यान हट नहीं पाता, तब तक उससे बड़ी दूसरी समस्या देश के सामने आ खड़ी होती है। केन्द्र में सरकार नहीं बल्कि समस्याओं का पिटारा है। जो कांग्रेस सरकार देश की जनता को उपहार के रूप में दिन प्रतिदिन दे रही है।
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वकीलों ने मांग की कि कांग्रेस के शासनकाल में ही चीन ने तीसरी बार देश की सीमाओं पर अपना कब्जा जमाया है और हम जी हुजूरी कर रहे हैं। देश की सीमाओं पर किये गये कब्जों को बलपूर्वक खाली कराया जाये। चीन के साथ सभी द्विपक्षीय वार्तालाप तथा व्यापार बन्द किया जाये। जब तक देश की कब्जा की गयी एक एक इंच भूमि वापस न ले ली जाये। सन 1952 के युद्ध के बाद संसद में चीन के कब्जे से मुक्त कराने का जो संकल्प लिया गया, उसे पूरा किया जाये। देश की संसद के भीतर पारित संकल्पों को पूरा करने के लिए दृढ़ता से कार्यवाही हो अन्यथा संसद के भीतर संकल्प पारित कर देश की जनता को गुमराह करने की प्रथा बंद हो। आदि 9 सूत्रीय मागें रखीं।
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इस दौरान डा0 प्रभात कुमार अवस्थी एडवोकेट, अवनीश कुमार सिंह एडवोकेट, रामनरायन मिश्रा एडवोकेट, बाबू सिंह एडवोकेट, प्रबल त्रिपाठी, सत्यबोध, सतीश कुमार, विजय बहादुर, यादवेन्द्र सिंह यादव, अरविंद, अवनीश कुमार, मुन्नू सिंह, संजीव कुमार पाल, प्रकृति देव पाण्डेय आदि मौजूद रहे।