FARRUKHABAD : विगत 7 फरवरी को हुई आरटीआई एक्टिविस्ट एवं शिक्षक आनंद हत्याकाण्ड के खुलासे पर अभी भी पुलिस पर्दा डालने की कोशिश में जुटी हुई है। मंगलवार को कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक सुनील कुमार गुप्ता के सामने जब आनंद हत्याकाण्ड में पुलिस की कारगुजारी रखी गयी तो उन्होंने भी हत्याकाण्ड का खुलासा 10 दिन में करने के निर्देश दिये।
पुलिस महकमें के लिए बड़े ही अफसोस की बात है कि आनंद हत्याकाण्ड के समय ही पुलिस को उनके मोबाइल फोन से धमकियों भरी रिकार्डिंग के साथ साथ आनंद राजपूत द्वारा मांगी गयी सूचनाओं की जानकारियां प्राप्त हो गयी थीं। लेकिन पुलिस के संज्ञान में पूरा मामला आने के बाद भी हत्याकाण्ड के खुलासे के बजाय मोटी वसूली के चक्कर में हत्याभियुक्तों को खुला छोड़ रखा है। पुलिस के उच्चाधिकारियों से लेकर सत्ता पक्ष के राजनीतिक प्रतिनिधियों में भी आनंद हत्याकाण्ड की बजह स्पष्ट होने के बाद भी खुलासे में देरी होना पूरे तंत्र पर प्रश्नचिन्हं लगा रहा है।
मंगलवार को कानपुर जोन के आई जी संजीव कुमार के सामने जब जेएनआई ने खासतौर से इस बात को रखा तो आई जी ने भी मामले को ढीले तौर पर ही लेते हुए 10 दिन में खुलासा करने के निर्देश दिये। देखने वाली बात है जिस हत्याकाण्ड को लगभग डेढ़ माह बीत चुका है। पुलिस के पास सारे सबूत मौजूद हैं, लगभग अपराधी भी एक बार पुलिस द्वारा पकड़ कर छोड़े जा चुके हैं लेकिन पुलिस को हत्या का खुलासा करने में अभी भी 10 दिन लेने का वक्त चाहिए। जो भी हो पूरा पुलिस महकमा आनंद हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपियों को बचाने में जुटा हुआ है, यही बजह है कि डेढ़ माह से अभी तक पुलिस ने वसूली के अलावा कुछ भी नहीं किया।
[bannergarden id=”11″][bannergarden id=”8″]