प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए कवायद फिर शुरू कर दी गयी है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी), प्रवक्ता की लंबित परीक्षाएं जल्द होंगी। चयन बोर्ड ने इस दिशा में कवायद तेज कर दी है। बोर्ड चेयरमैन ने शासन को मामले की जानकारी देते हुए संबंधित अधिकारियों को इस बाबत पत्र भी लिखा है।
टीजीटी-पीजीटी-2011 के तकरीबन दो हजार पदों के लिए आवेदन करीब एक वर्ष बोर्ड की तरफ से मंगाए थे, लेकिन अभी तक परीक्षा प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अधिकारी बताते हैं कि करीब पांच लाख आवेदन बोर्ड के पास हैं। टीजीटी-पीजीटी-2012 के परीक्षा के लिए तो अभी तक विज्ञापन जारी नहीं हुए हैं। इतना ही नहीं, 2009 व 2010 की कुछ विषयों की परीक्षाओं का परिणाम संशोधित कर जारी किया जाना है। जाहिर है बोर्ड के लिए यह आसान नहीं है।
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बोर्ड चेयरमैन डॉ. देवकी नंदन शर्मा के मुताबिक सभी लंबित परीक्षाओं को कराना बोर्ड की पहली प्राथमिकता है। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। बीते सप्ताह बोर्ड बैठक में इस बारे में हुई चर्चा से शासन को अवगत कराया गया है। शासन की मंशा है कि दोनों परीक्षाएं शीघ्र हों। इसके मद्देनजर अगले सप्ताह शासन स्तर पर बैठक होनी है। 2012 परीक्षा के लिए विज्ञापन जल्द प्रकाशित होंगे। जरूरी कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से शैक्षणिक कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने स्वीकार किया कि भर्ती प्रक्रिया में बोर्ड के स्तर पर विलंब होने की वजह से यह स्थिति बनी है।
प्रधानाचार्यो के खाली पद भरेंगे
फिलहाल प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यो के एक हजार पद रिक्त हैं। इसके लिए करीब पचास हजार शिक्षकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना है। चेयरमैन के मुताबिक अधिकारियों से इस बारे में कार्रवाई शुरू करने का कहा गया है।