दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश की सबसे छोटी लोकतान्त्रिक पद्धिक प्रणाली ‘ग्राम सभा’ का उत्तर प्रदेश में इस साल सितम्बर में वर्तमान कार्यकाल समाप्त हो जायेगा| नियमानुसार नयी चुनी हुई ग्राम सभाएं सितम्बर में कार्यभार ग्रहण करेंगी| इसके लिए त्रिस्तरीय चुनाव प्रणाली के तहत लगभग 12 करोड़ ग्रामीण मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे|
दुनिया में भारत इस तरह का प्रयोग करने वाला पहला देश है|
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत और जिला पंचायत का गठन होगा| इसमें निचले स्तर पर ग्राम पंचायत और उपरी स्तर पर जिला पंचायत का गठन महत्वपूर्ण होता है| ग्राम पंचायत के गठन में ग्राम सभा का प्रधान और ग्राम सभा के सदस्य जनता द्वारा चुने जायेंगे| देश की लोकतान्त्रिक प्रणाली में आम जनता द्वारा सीधे चुने गए ये प्रथम प्रतिनिधि होते है| पांच साल के कार्यकाल वाली ग्राम सभा में प्रधान और ग्राम सभा के अन्य सदस्य देश की सबसे बड़े लोक्तान्तिक सदन (लोकसभा और राज्य सभा) की तरह ही गाँव के विकास के लिए ग्राम सभा/पंचायत चलाते है| बृहत स्तर पर दुनिया में भारत इस तरह का प्रयोग करने वाला पहला देश है|
उत्तर प्रदेश में 22 जुलाई 2010 को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ ही वर्तमान में पंचायत संभाले वर्तमान ग्राम सभाओं के प्रधानो द्वारा दुबारा पंचायत पर कब्ज़ा ज़माने और पिछले पांच साल तक उन्हें पानी पी पी कर कोसने वाले विरोधी अपनी अपनी चुनावी तलवारों में धार पैनी करने में लग गए हैं| इस चुनाव में 51921 प्रधान/सरपंच, 2622 जिला पंचायत सदस्य के लिए उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनता वोट करेगी| कुल 72560 मतदान केन्द्रों पर लगभग 12 करोड़ मतदाता एक बार फिर अपना पहला प्रतिनिधि चुनेगे|