बालू खनन ठेके को नहीं मिल सकी हरी झण्डी, ग्रामीणों ने काटा हंगामा

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फर्रुखाबाद: गंगा तट सोता बहादुरपुर व घटियाघाट क्षेत्र में बालू खनन के लिए बीते कई दिनों से खींचतान चल रही है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की ढिलाई के चलते आज तक बालू खनन के लिए न तो ठेका हो पाया और न ही बालू खनन से पड़ने वाले पर्यावरणीय प्रभाव के लिए बैठक हो सकी। बुधवार को प्रशासन की तरफ से पर्यावरण से सम्बंधि एक बैठक मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट में रखी गयी थी। जिसके लिए दिल्ली से पर्यावरण टीम भी बुलायी गयी थी। लेकिन जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के छुट्टी पर होने से बैठक नहीं हो सकी। बैठक न होने की जानकारी लगते ही ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया व अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया।

कलेक्ट्रेट परिसर में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अधिकारी बालू खनन में जमकर वसूली कर रहे हैं। जिसके कारण वह नहीं चाहते हैं कि काननू बालू खनन का ठेका हो। ग्रामीणों ने कहा कि यदि बालू खनन का ठेका हो जायेगा तो भ्रष्ट अधिकारियों की ऊपरी कमाई बंद हो जायेगी। हंगामा कर रहे ग्रामीणों को अपर जिलाधिकारी कमलेश कुमार ने काफी समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी की मौजूदगी में ही पर्यावरण सम्बंधी बैठक हो सकती है। जब तक जिलाधिकारी व सीडीओ नहीं आ जायेंगे तब तक बैठक नहीं हो पायेगी।

वहीं पर्यावरण टीम के सदस्य यूसी वर्मा सहायक पर्यावरण अभियंता, एस के मिश्रा अनु सहायक अभियंता एवं रामबख्स बैठक न हो पाने से वापस लौट गये। वहीं इससे पहले गंगा तट में लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में बालू खनन के ठेकेदार मनोज कुमार गौतम पुत्र बाबूलाल गौतम निवासी गुर्ज नगरिया इगलास अलीगढ़ व श्याम सिंह पुत्र करन सिंह निवासी महमूदपुर पटियाली एटा के अधिवक्ता उमेश पाल सिंह ने भी एडीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन नहीं चाहता कि कोई भी कार्य नियम के आधार पर हो। जिससे पर्यावरण सम्बंधी एनओसी नहीं दी जा रही है। इस दौरान लगभग एक सैकड़ा ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यदि बैठक स्थगित करनी थी तो उन लोगों को पहले सूचित किया जाना चाहिए था।