फर्रुखाबाद: पैसा आदमी से क्या नहीं करा देता। इसके लिए कहीं बेटा बाप का कत्ल करता है तो कहीं बीबी पति का। खैर यह तो आम जनता का मामला है। उसके किये की सजा तो उसे कानून देगा लेकिन जब जनता की सुरक्षा के लिए तैनात की गयी खाकी न तो खुद ठीक से काम करे और न ही उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन करें। तो फिर समाज की स्थिति क्या होगी। बीते दिनों पुलिस अधीक्षक ने आदेश दिये थे कि शहर के मुख्य मार्ग पर बड़े वाहन प्रवेश नहीं करेंगे और न ही टैक्सियों का आवागमन होगा। कुछ दिन तो सब ठीक ठाक रहा लेकिन आदेश थोड़ा पुराना होते ही पुलिसकर्मियों ने उसे दरकिनार कर शहर में वाहनों को घुसने की अनुमति चंद रुपयों की खातिर दे दी। जिससे पुनः जाम की झाम शहर में शुरू हो गयी।
जाम में फंसने वाला व्यक्ति किस परिस्थिति में है इसका अंदाजा वही लगा सकता है। कोई मरीज गंभीर होने के बावजूद भी घंटों जाम में फंसा रहता है तो कहीं साक्षात्कार देने जा रहे व्यक्ति जाम में फंसने से समय पर नहीं पहुंच पाते। स्कूली बच्चे घंटों जाम में फंसे रहने से स्कूल टाइम से नहीं पहुंचते। प्रशासनिक अधिकारी भी जाम की झाम का शिकार हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं। धड़ल्ले से बड़े वाहन मुख्य बाजार में घुसकर जाम की स्थिति पैदा कर देते हैं। पिकेट ड्यूटी पर लगाये गये सिपाही भी धड़ल्ले से अपनी जेबें गरम करते हैं। लाल गेट पर ट्रैफिक पुलिस सुबह से ही मुस्तैद हो जाती है। इसके बाबजूद भी वाहनों का आवागमन शहर के अंदर बदस्तूर जारी है। लालगेट और तिकोना चौकी से शहर की तरफ बड़े वाहनों ट्रैक्टर, ट्रक, जीप, मैजिक के अलावा अन्य भारी वाहनों पर रोक लगायी गयी थी। जो पिकेट ड्यूटी पर तैनात सिपाहियों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन गयी। वसूली के नाम पर राशि दो गुनी कर दी गयी और आड़ ली गयी पुलिस अधीक्षक के आदेश की, कि अंदर वाहनों का प्रवेश नहीं है। मजबूरन वाहन ले जाने वाला चालक पुलिस को मन माफिक पैसा देने पर मजबूर हो रहा है।
सोमवार को प्रातः से ही चौक व नाला मछरट्टा पर वाहनों की लम्बी लम्बी लाइनें इस बजह से लग गयीं कि उनमें बड़े वाहन फंस गये थे। वाहन मुड़ने की जगह न होने की बजह से घंटों जाम में यात्री फंसे रहे। कई घंटे जाम के बाद पहुंची पुलिस ने जैसे तैसे वाहनों को हटवाकर जाम खुलवाया। लेकिन इससे नतीजा क्या होगा। कल जाम फिर लगेगा, यात्री फिर फसेंगे। समस्या का समाधान नहीं सिर्फ जनता का शोषण हो रहा है।
इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी ने जेएनआई को बताया कि उनकी जानकारी में जाम लगने की बात नहीं थी। अभी कुछ दिनों से ही जाम की समस्या की सूचना प्राप्त हो रही है। बड़े वाहन को शहर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। फिर भी अगर बड़े वाहन शहर के अंदर प्रवेश कर रहे हैं तो उन पर रोक लगायी जायेगी।