फर्रुखाबाद: बीते 1 नवम्बर को अरविंद केजरीवाल की आवास विकास में हुई जनसभा में पहुंचे विकलांग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के के दीक्षित के ऊपर कांग्रेसियों ने निरीक्षण भवन से तौलिया चुरा ले जाने व उसकी फीस न देने का आरोप लगाया था। जिस पर के के दीक्षित ने कहा कि इस तरह का घिनौना आरोप लगाने में जनपद के कांग्रेसी जिम्मेदार नहीं वल्कि पूरा घटनाक्रम विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के इशारे पर हुआ है।
अरविंद केजरीवाल की जनसभा में पहुंचे के के दीक्षित 31 अक्टूबर की रात निरीक्षण भवन में रुके थे। जहां से वह एक नवम्बर की शाम को वापस चले गये। लेकिन उनके जाने के बाद कुछ कांग्रेसियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया था। जिसमें निरीक्षण भवन के चपरासी गोपी द्वारा आरोप लगाया गया था कि के के दीक्षित ने तौलिया चुरा ली व निरीक्षण भवन की फीस तक जमा नहीं की। इस घटनाक्रम का विरोध के के दीक्षित ने जमकर किया और कहा कि मेरे जाने के बाद प्रेस वार्ता करने वाले कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व अन्य लोग दोषी नहीं है वल्कि इस पूरे मामले में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का इशारा शामिल है। क्योंकि विकलांगों के ट्रस्ट के पैसे को हड़प कर लेने का आरोप मैने ही सलमान पर लगाया था। बाद में मेरा सहयोग केजरीवाल ने किया।
उन्होंने बताया कि वह निरीक्षण भवन में जाने से पहले ही सभी चपरासियों को 200 रुपये बख्सीस के देकर गये थे और बाद में उन पर आरोप लगे लेकिन चपरासी गोपी से बात होने पर उसने बताया था कि तौलिया वहीं कमरे में बैड के नीचे मिल गयी थी। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस की मानसिकता कितनी गंदी है और वह किस हद तक जा सकती है।
एक प्रश्न के जबाव में उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल द्वारा की गयी घोषणा पर भी अमल किया जायेगा। अरविंद केजरीवाल ने फर्रुखाबाद से विकलांग को लड़ाने की बात कही थी। जिस पर के के दीक्षित ने जबाव दिया कि वह आईएसी का ही मेम्बर होगा। लेकिन चुनाव के समय विकलांग पार्टी व आईएसी एक दूसरे के साथ गठबंधन करेंगी। इस बात का भी इशारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के के सिंह ने किया।
बताते चलें कि पिछले चुनाव में विकलांग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के के दीक्षित ने 187 सीटों पर चुनाव लड़ा था। और सभी सीटों पर राष्ट्रीय विकलांग पार्टी औंधे मुहं गिरी थी। कुल मिलाकर 1.75 प्रतिशत ही मत विकलांग पार्टी को मिला था। इस बार के के दीक्षित ने पार्टी से प्रत्याशी लड़ाने की हुंकार पुनः भरी और चुनाव के दौरान आईएसी से गठबंधन करने की भी पुष्टि की। इससे विकलांग पार्टी द्वारा ही फर्रुखाबाद का प्रत्याशी होने की बात काफी हद तक मजबूत हो गयी है।