लुइस का दावा: उनके अनुरोध पर हो रही है जांच, ट्रस्‍ट ने अनुदान से अधिक खर्च किया

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फर्रुखाबाद: केंद्रीय कानून मंत्री के ट्रस्‍ट ‘डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्‍ट’ के विरुद्ध घपले व घोटाले विगत तीन दिनों से मीडिया में उठ रहे बवंडर के बाद आखिर गुरुवार को ट्रस्‍ट की पोजेक्‍ट डायरेक्‍टर की हैसियत से मंत्री की पत्‍नी लुइस खुर्शीद सफाई में सामने आयीं। उन्‍होंने दावा किया कि ट्रस्‍ट के विरुद्ध एक मीडिया ग्रुप ने जानबूझकर मिथ्‍यापूर्ण समाचार प्रचारित किये। उन्‍होंने बताया कि इस मामले की भनक लगते ही उन्‍होंने स्‍वयं मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को 17 सितंबर को पत्र लिखकर मामले की जांच कराये जाने का अनुरोध किया था। उन्‍होंने यह भी दावा किया कि शासन उनके ट्रस्‍ट को अनुदान के तौर पर मात्र  71.5 लाख रुपये ही मिले थे। जबकि कैंपों के आयोजन पर 77.85लाख रुपये  खर्च किये गये। इनमें  6.37 लाख रुपये ट्रस्‍ट ने अपने पास से खर्च किया।

विदित है कि विकलांगों को उपकरण वितरण के नाम पर केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के ट्रस्‍ट डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्‍ट द्वारा संबंधित जनपद स्‍तरीय अधिकारियों के फर्जी हस्‍थाक्षरों से प्रमाणित  फर्जी लाभार्थियों की सूची पर सरकारी अनुदान हड़पने की खबरों के बाद से सियासी बवंडर शुरू हो गया है। विपक्ष ने ट्रस्‍टियों के विरुद्ध कार्रवाई से लेकर सलमान खुर्शीद के इस्‍तीफे तक की मांग करनी शुरू कर दी है। विगत तीन दिनों से जारी इस बवंडर के बीच गुरुवार को श्रीमती खुर्शीद ने प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर की हैसियत से ट्रस्‍ट की ओर से सफाई देने का बीड़ा उठा लिय लगता है।

श्रीमती खुर्शीद ने गुरुवार सायंकाल जेएनआई को दिल्‍ली से दूरभाष पर वार्ता के दौरान बताया कि घपले या घोटाले के आरोप पूरी तरह फर्जी हैं। एक मीडिया ग्रुप ने जानबूझकर उनके ट्रस्‍ट व परिवार के विरुद्ध भ्रामक व मिथ्‍या समाचार प्रचारित किये हैं। इस मीडिया हाउस की गतिविधियों के विषय में उनको र्पूव में ही जानकारी मिल गयी थी। इस जानकारी के बाद उन्‍होंने स्‍वयं मुख्‍यमंत्री अखिलेश को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने का अनुरोध किया था। वर्तमान में ईओडव्‍लू द्वारा की जा रही जांच वास्‍तव में उनके अनुरोध पर ही की जा रही है, जिससे दूध का दूध, और पानी का पानी हो सके।

उन्‍होंने बताया कि ट्रस्‍ट की ओर से वर्ष 2009-10 में 17 कैंपों का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 2 हजार 353 विकलांगों को ट्राइसाइकिल, व्‍हील चेयर, बैसाखी व हेयरिंग ऐड (कान की मशीन) आदि वितरित किये गये। शासन उनके ट्रस्‍ट को अनुदान के तौर पर मात्र  71.5 लाख रुपये ही मिले थे। जबकि कैंपों के आयोजन व उपकरण वितरण पर 77.85लाख रुपये  खर्च किये गये। इनमें  6.37 लाख रुपये ट्रस्‍ट ने अपने पास से खर्च किया।

उनहोंने तत्‍कालीन जिला विकलांग कल्‍याण अधिकारी राम अनुराग वर्मा के उनको कार्यक्रम की सूचना न होने के बयान का भी खंडन करते हुए कहा कि जिला विकलांग कल्‍याण अधिकारी को सूचना न देना कोई प्रथम दृष्‍टया तो कोई अपराध नहीं है, फिर भी ट्रस्‍ट की ओर से आयोजित कैंपों की एलबम में वह हर जगह मौजूद हैं। साथ ही जनपद की लाभार्थियों की सूची के प्रत्‍येक पन्‍ने पर स्‍वयं राम अनुराग वर्मा के हस्‍ताक्षर हैं।

उन्‍होंने कहा कि शनिवार को फर्रुखाबाद पहुंच कर स्‍वयं मीडिया के सामने तथ्‍यों को रखेंगीं। उन्‍होंने कहा कि वह मिथ्‍या समाचर प्रचारित करने वाले मीडिया ग्रुप के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी करने जा रही हैं।

जेएनआई से दूरभाष वार्ता के क्रम में श्रीमती खुर्शीद ने अपने पत्र के जवाब में मुख्‍य मंत्री कार्यालय से प्राप्‍त पत्र की फैक्‍स कापी भी जेएनआई को ईमेल से उपलबध करायी है, जो पाठकों के सुलभ संदर्भ हेतु यहां उपलब्‍ध कारयी जा रही है।

।- प्रेस नोट

2- मुख्‍यमंत्री का पत्र