फर्रुखाबाद: सोमवार को विकासभवन सभागार में बैठक के दौरान जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी बी ने होमगार्ड राज्य मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव की एक नहीं चलने दी। विकास से लेकर कानून व्यवस्था तक हर आक्षेप के जबाब में डीएम ने मंत्री को निरुत्तर कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि मंत्री और नेता प्रशासन पर दबाव बनाना बंद कर दे तो मैं जिला सुधार सकता हूं।
राज्यमंत्री नरेन्द्र सिंह यादव ने विकास भवन स्थित सभागार में समीक्षा के दौरान अपनी ही सरकार में विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार पर जमकर भड़ास निकाली। बैठक में जैसे ही मंत्री जी ने मोहम्मदाबाद में हुई गोलीकाण्ड की घटना का जिक्र किया। वैसे ही जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी से नहीं रहा गया तो बोले कि क्या करें एडीशनल एसपी के पास तो नेताओं के फोन आने लगते हैं। डीएम बोले यदि मंत्री और नेताओं का दबाव खत्म हो जाये तो मैं जिला सुधार दूं।
लम्बी छुट्टी पर जाने के बाद लौटे जिलाधिकारी कुछ अपनी कार्य प्रणाली को ढीला छोड़े हुए थे। इसका कारण जानने के लिए मीडिया कर्मियों सहित नेता व जनता भी बड़ी ही लालायित थी। लेकिन जिलाधिकारी ने अपनी पीड़ा को उस समय निकाल ही दिया जब मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि आय प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर जनपद में लेखपालों द्वारा लाखों करोड़ों की वसूली की गयी लेकिन तहसीलदार ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिस पर जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी ने कहा कि कुछ विभागों की शिकायतें मेरे पास ऊपर से आ रहीं हैं। मैं अभी उनका नाम नहीं खोलूंगा। लेकिन यदि विभागों में भ्रष्टाचार बंद नहीं हुआ तो उनके खिलाफ शासन को लिखा जायेगा।
वहीं जिलाधिकारी से मंत्री श्री यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों की काउंसलिंग की जा रही है। जिसमें शिक्षकों की तैनाती इस तरह की जाये कि वह अपने घर के करीब और अपनी पत्नी व बच्चों के पास ही रह सकें। जिस पर जिलाधिकारी ने मंत्री से कहा कि वह भी पत्नी व बच्चों के साथ रहना चाहते हैं, उनका भी ट्रान्सफर कानपुर करा दें।
जो भी हो पूरी बैठक में जहां मंत्री अपनी नेताओं वाली प्रतिक्रिया भ्रष्टाचार व अपराध पर देते रहे वहीं जिलाधिकारी उनकी बातों का स्पष्ट जबाब देते रहे जिससे मंत्री महोदय जिलाधिकारी के सामने अंतिम समय तक निरुत्तर दिखायी दिये।