फर्रुखाबाद: जनपद में पुलिस कर्मियों द्वारा जिला जेल व सेन्ट्रल जेल से पेशी व लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले कैदियों में अधिकांश कैदी पुलिसकर्मियों की निष्क्रियता व उनके सतर्क न रहने से ही भागे हैं। लेकिन पुलिस फिर भी चेतती नहीं दिख रही है। शुक्रवार को भी कचहरी में पेशी पर लाये गये जिला जेल के बंदियों को एक पुलिस कर्मी दो कैदियों को हाथ पकड़कर ले जाते देखकर कोई नहीं कह सकता कि इतने खूंखार दो कैदियों को पुलिसकर्मी हाथ पकड़कर रोक सकता था। अनायास ही लोगों के मुहं से निकल पड़ा, यही बजह है कि कैदी भाग जाते हैं।
नजारा कचहरी परिसर का उस समय का है जब एक पुलिसकर्मी जिला जेल के दो बंदियों को बिना हथकड़ी डाले ही लिये जा रहा था। दो खूंखार बंदियों को इस तरीके से पुलिसकर्मी द्वारा ले जाना उस समय और भी मजाक का पात्र बन गया, जब लोगों के सामने यह पुलिसकर्मी कैदियों के हाथों में डालने वाली हथकड़ी को अपने ही गले में लटका कर चल रहा था। हां यह कोई टीवी सीरियल का सीन नहीं है, सच में यह फतेहगढ़ कचहरी का सीन है। इस तरह का वर्ताव भी इन पुलिसकर्मियों द्वारा यूं ही फ्री में नहीं किया जाता। पुलिस कर्मी बंदियों को पेशी पर लाते समय ही उनके परिजनों से 50 से 100 रुपये इस बात के लिए ले लेते हैं कि वह उन्हें सहुलियत देंगे व परिजनों से भी मिलने देंगे। सहुलियत व परिजनों को मिलवाने के चक्कर में ही जनपद में एक वर्ष में आधा दर्जन लगभग कैदी भाग चुके हैं। यही हाल लोहिया अस्पताल में लाने वाले कैदियों का भी होता है। जहां खूंखार कैदियों को इलाज के लिए लाया जाता है। लेकिन पुलिसकर्मी 100- 50 रुपये के लोभ में आकर खूंखार कैदियों को उनके ही परिजनों की देखरेख में छोड़कर खर्राटे मारकर लोहिया अस्पताल में नींद लेते हैं और सुबह होता है तो कैदी बिस्तर सहित गायब मिलते हैं। ऐसा एक बार नहीं कई बार हो चुका है लेकिन भ्रष्ट पुलिसकर्मी अभी भी बाज नहीं आ रहे हैं और 100 – 200 रुपये की खातिर खूंखार कैदियों के हाथों में हथकड़ी डालने के बजाय अपने ही गले में हथकड़ी डालकर उन्हें खुला कचहरी में ले जाते हैं।