फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी के जनपद में मौजूद न होने से इस समय प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई हुई है। माह के प्रत्येक मंगलवार को होने वाले तहसील दिवस भी अधिकारियों व कर्मचारियों की शिथिलता के चलते तहसील सदर में मात्र 20 शिकायतों में ही तहसील दिवस निबटा दिया गया। जानकारी के अनुसार कई शिकायती पत्रों को रजिस्टर पर ही नहीं चढ़ाया गया। वहीं जो भी 20 शिकायतें आयीं उनमें 25 प्रतिशत शिकायतें सिर्फ लेखपालों के भ्रष्टाचार से सम्बंधित की गयीं। सबसे गंभीर बात यह है कि तहसील दिवस में आयीं 20 शिकायतों में से किसी का भी मौके पर निस्तारण भी नहीं हो सका।
जनपद में जिलाधिकारी के छुट्टी पर चले जाने से मंगलवार को आयोजित हुए तहसील दिवस में जहां कुछ अधिकारी व कर्मचारी नींद में दिखे तो कुछ आपस में बातचीत करते रहे। पहले तो तहसील दिवस में आने वाली अधिकतर शिकायतों को बिना रजिस्टर पर चढ़ाये ही मौखिक रूप से पीड़ितों को समझाबुझाकर चलता कर दिया गया। जो भी शिकायती पत्रों को तहसील दिवस में अधिकारियों द्वारा पीड़ितों से लिये गये उनका भी मौके पर निस्तारण नहीं किया गया। वहीं तहसील दिवस में अधिकतर शिकायतें लेखपालों द्वारा की जा रही अवैध वसूली से सम्बंधित रहीं। जिनमें अधिकतर को तो संज्ञान में नहीं लिया गया। तहसील दिवस में राजस्व से सम्बंधित 5, पुलिस 2, शिक्षा की एक, नगर पालिका की दो, विद्युत की चार, जलनिगम एक, चकबंदी एक व अन्य चार प्रार्थनापत्र आये। कुल 20 शिकायतों में से किसी का भी मौके पर निस्तारण नहीं किया गया।
तहसील दिवस में पूजा शर्मा पुत्री रामप्रकाश ने सिटी मजिस्ट्रेट से शिकायत की कि उनके क्षेत्र के लेखपाल कोतवाल सिंह प्रमाणपत्र पर आख्या लगाने के लिए एक हजार रुपये रिश्वत मांग रहे हैं। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने बिना कार्यवाही किये ही पूजा शर्मा को चलता कर दिया। वहीं अनुज सक्सेना पुत्र सर्वेश कुमार निवासी बिर्राबाग ने तहसील दिवस में शिकायत की कि उनसे भी लेखपाल ने 200 रुपये आख्या लगाने के लिए मांगे। जिस पर उनके प्रार्थनापत्र को जमा करके कार्यवाही का आश्वासन दे दिया।
तहसील दिवस में मोहल्ला नौलखा के नागरिकों ने मोहल्ले में लगे विद्युत पोल झुक जाने से आये दिन जमीन पर करेंट उतरने से दुर्घटनायें होने की शिकायत की। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें शीघ्र ही पोल सही करवाये जाने का आश्वासन दिया। शिकायत करने के दौरान परवेज, आसमा, गुड्डी, परवीन, नसीर, शवाना, सकील आदि साथ रहे।