दलित सम्मेलन में भी नहीं नसीब हुई गरीबो-दलितों को कुर्सी

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फर्रुखाबाद: आवास विकास क्षेत्र के एक गेस्ट हाउस में दलित जागरण सेवा समिति की तरफ से गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय था गरीबी: कारण और निवारण। कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा जो व्यवस्था की गयी उसमें ही दलितों का मजाक उड़ता साफ  नजर आया। वल्कि यूं कहिए कि गरीब दलितों को यह एहसास दिला दिया गया कि वह कार्यक्रम हाल में बैठे अन्य लोगों के सामने वह लोग क्या हैं।

दलित जागरण सेवा समिति इटावा की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में एक परिचर्चा का विषय था गरीबी का क्या कारण है और उसका निवारण किस तरह होना चाहिए। इस विषय पर हर वक्ता ने अपने- अपने विचार प्रस्तुत किये और गरीबों के बारे में लम्बे लम्बे भाषण दे डाले। लेकिन अगर यथार्थ में जायें तो कार्यक्रम की व्यवस्था देखकर ही यह अंदाजा लग रहा था कि गरीबों को कार्यक्रम में अन्य लोगों की अपेक्षा बराबर का दर्जा नहीं दिया गया। जहां एक तरफ मंच पर बड़े-बड़े नामचीन भाषण दे रहे थे वहीं उन्हें सुनने के लिए सामने कुर्सियों पर कई सैकड़ा लोग बैठे थे। लेकिन इनमें कोई भी गरीब नहीं था। गरीब थे तो हाल में एक कोने में बैठा दिये गये। गरीब परिवार वाले बच्चे, बुजुर्ग व महिलायें। जिन्हें एक कुर्सी तक नसीब नहीं हो सकी।

संगठन आवकारी निरीक्षक रमेशचन्द्र विद्यार्थी की पत्नी ममता विद्यार्थी द्वारा चलाया जा रहा है। जिसकी अध्यक्षता पूर्व विधायक महरम सिंह ने की तथा संचालन शेष नरायन सचान ने किया। इसके अलावा जवाहर सिंह गंगवार, डा0 रामकृष्ण राजपूत, राधेश्याम राजपूत, मुन्नालाल गुप्ता, उमाशंकर, राजेश कटियार, पुष्पारानी, जयंती प्रसाद आदि लोगों ने शिरकत की।