एक सहायका के भरोसे चल रहे तीन आंगनबाड़ी केन्द्र

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मोहम्मदाबाद (फर्रुखाबाद): जनपद में प्राथमिक व पूर्व प्राथमिक शिक्षा का बुरा हाल है। जहां एक ओर प्राथमिक शिक्षक स्कूलों में मात्र उपस्थिति दर्ज कराना ही अपनी ड्यूटी समझ रहे हैं वहीं पूर्व प्राथमिक केन्द्रों पर तो ताले ही लटके रहते हैं। जनपद में पूर्व प्राथमिक केन्द्र/ आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकत्री मात्र पंजीरी आवंटन के दिन ही दिखायी देती हैं। पंजीरी ब्लाक केन्द्रों से लेकर फिर ये आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां महीने भर के लिए फुर्सत हो जाती हैं। ऐसा ही हाल विकासखण्ड मोहम्मदाबाद क्षेत्र के ग्राम पिपरगांव के आंगनबाड़ी केन्द्र का है जहां पर मात्र एक सहायका के भरोसे तीन आंगनबाड़ी केन्द्र चल रहे हैं।

पिपरगांव में प्राथमिक विद्यालय के एक कमरे में तीन आंगनबाड़ी केन्द्र चलाये जा रहे हैं। जिनमें आगनबाड़ी कार्यकत्री संध्या सक्सेना, रचना अवस्थी, साधना कठेरिया व सहायका रानीदेवी, सुनीता सक्सेना की तैनाती की गयी है। आगनबाड़ी कार्यकत्री मात्र पंजीरी उठान के दिनों में ही ब्लाक केन्द्रों पर तो दिखायी देती हैं लेकिन पंजीरी व अन्य सामान को ब्लाक केन्द्रों पर से लेने के बाद यह कार्यकत्री कभी नहीं दिखायी देतीं।

वहीं पिपरगांव के ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी केन्द्र अधिकतर दिनों में बंद रहते हैं। यदि खुलते भी हैं तो मात्र कागजों को पूरा करने के लिए खोले जाते हैं। एक ही केन्द्र पर तीन आगनबाड़ी केन्द्र खोले गये हैं। जिनको एक सहायका रानीदेवी ही कभी कबार खोल कर बैठ जाती हैं। बच्चों के नाम पर इन तीनों केन्द्रों पर कभी कोई बच्चा दिखायी नहीं देता। आंगनबाड़ी कार्यकत्री सरकार से आने वाली पंजीरी व अन्य सामान को ब्लेक में बेच लेती हैं। जिसकी कई बार ग्रामीणों द्वारा शिकायत भी की गयी लेकिन आज तक इनके खिलाफ कोई जांच नहीं हुई।
वहीं गुरुवार को जब जेएनआई टीम हकीकत जानने केन्द्र पर पहुंची तो मात्र आंगनबाड़ी सहायका रानी देवी ही अकेली बैठी मिलीं। केन्द्र पर कोई भी बच्चा नहीं मिला। जब उनसे पूछा कि बाकी सभी कार्यकत्री व सहायकायें क्यों नहीं आयी हैं तो पहले तो सहायका ने बताने से इंकार कर दिया बाद में बताया कि वह पंजीरी इत्यादि का उठान करने के लिए गयी हैं।