गंगा मइया आज निकाल लेउ, अब कभऊं नाइं अयैं

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फर्रुखाबादः हे भगवान इत्ती भीड़, अरे! भैया गाड़ी तो बढ़ाऔ, हे भगवान इत्ती भीड़ हमनै कभऊं नाइं देखी, जे नाशपीटे पुलिस वालेऊ कछू नाइं कत्त, हे गंगा मैया हमनैं तुम्हारो का बिगारो जो तुमनै हमैं एैसो फंसाओ, गंगा मैया आज निकाल लेउ, अब कभऊं नाइं अयैं। ये शब्द जाम में फंसे ग्रामीण क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं के थे जो तपती गर्मी और धूप में परेशान होकर कभी भगवान को तो कभी व्यवस्था में लगे पुलिस प्रशासन को कोसते दिखे।

पहले तो सुबह-सुबह भीड़ कम थी, लेकिन जैसे-जैसे सूरज चढ़ा भीड़ भी मानो बुरी तरह घटियाघाट की तरफ कूच कर रही थी। जिसे देखो वह घटियाघाट गंगा तट की तरफ खिंचा चला जा रहा था। लेकिन जैसे ही श्रद्धालु गंगा स्नान करके पुनः अपने घर की तरफ पलटे तो नजारा कुछ और ही था। एक तो आठ किलोमीटर लम्बा जाम ऊपर से तेज धूप ने पूरा मजा किरकिरा कर दिया तो लोग भगवान को ही कोसने लगे। कोई सिर पर सामान रखकर, तो कोई अपने वाहन को छोड़कर पैदल ही धूप से बचने के लिए घर की तरफ भाग खड़ा हुआ। महिलायें अपने-अपने बच्चों को गोद में लेकर ही चल दीं। वहीं बाइक सवार लोग भी अपनी-अपनी सवारियां उतारकर किनारे खड़े हो गये। ग्रामीण क्षेत्रों से आये ट्रैक्टरों को पुलिस ने पहले ही किनारे खड़ा करा दिया था। लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग अपना सब्र खो चुके और जिसे जहां जगह मिली वह वहीं अपना वाहन घुसेड़कर आगे निकलने का प्रयास कर रहा था। जिस पर कई जगह पुलिस ने लाठियां भांजकर लोगों को किनारे किया।

पत्नी के सामने पुलिस ने पति को पीटा
जाम में जहां लोग अपने-अपने परिजनों के साथ निकल रहे थे वहीं एक नव दम्पत्ति बाइक पर सवार होकर शाहजहांपुर की तरफ जा रहा था। बाइक कुछ किनारे हुई तो पुलिस कर्मियों का गुस्सा अनायास ही जाम में फंसे नवदम्पत्ति पर टूट पड़ा और उसने पति को पत्नी के सामने ही पीटपीट कर बेइज्जत कर दिया। पत्नी ने जिसका विरोध भी किया। जा भी कोई बात है, बेमतलब मात्त। महिला के विरोध पर पुलिसकर्मी ने फिर उसे जाने दिया।