फर्रुखाबाद: चालू वित्तीय वर्ष की जिला विकास योजना की समीक्षा के दौरान नियोजन समिति के सदस्य के तौर पर बैठक में सम्मलित जिला पंचायत सदस्यों ने अपने प्रस्तावों को जिला योजना में सम्मलित न किये जाने के विरोध में बैठक का बहिस्कार कर दिया। बाहर निकलकर इन सदस्यों ने जिला प्रशासन के विरुद्व जमकर नारेबाजी भी की। सदस्यों के बहिस्कार के उपरांत 96 करोड़ 11 लाख रुपये की जिला योजना पारित कर दी गयी।
विकासभवन सभागार में शनिवार को प्रभारी मंत्री शिवकुमार बेरिया की अध्यक्षता में सम्पन्न जिला विकास योजना का अनुमोदन कर दिया गया है। अंतिम रूप से प्रस्तुत योजना में पूर्व की बैठकों में दिये गये अपने प्रस्तावों को सम्मलित न किये जाने से नाराज नियोजन समिति के जिला पंचायत सदस्यों ने बैठक का बहिस्कार कर दिया। इससे पूर्व इन सदस्यों ने मंत्री की मौजूदगी में ही विभिन्न विभागीय अधिकारियों और जिला प्रशासन के विरुद्व उनकी उपेक्षा व मनमानी के खुलकर आरोप लगाये। प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर न मिलने पर अधिकांश जिला पंचायत सदस्य सामूहिक रूप से बैठक से बाहर चले गये। बाहर निकलकर इन सदस्यों ने जिला प्रशासन के विरुद्व जमकर नारेबाजी भी की।
नियोजन समिति के इन सदस्यों के बहिस्कार के उपरांत चालू वित्तीय वर्ष के लिए जिला योजना के अन्तर्गत 96 करोड़ 11 लाख रुपये का परिव्यय स्वीकृत कर दिया गया, जोकि विगत वर्ष के वास्तविक व्यय 44 करोड़ 26 लाख की तुलना में दो गुने से भी अधिक है। यह अलग बात है कि विगत वर्ष भी 78 करोड़ 48 लाख रुपये का परिव्यय अनुमोदित किया गया था। जनपद की विभिन्न विकास योजनाओं के लिए आवश्यकतानुसार तैयार परिव्यय में शासन स्तर पर की गयी कटौतियों के कारण इन योजनाओं पर न केवल प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जनपद स्तरीय अधिकारियों को लाभार्थियों व विकास कार्यों के चयन में मनमानी का भी अवसर मिलता है, जो भ्रष्टाचार का कारण बनता है।
शनिवार को अनुमोदित विकास योजना के अन्तर्गत एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम के लिए एक करोड़ 67 लाख, ग्रामीण रोजगार के लिए पांच करोड़ 88 लाख, पंचायती राज के लिए 9 करोड़, सड़क एवं पुल के लिए आठ करोड़ 90 लाख, बेसिक शिक्षा के लिए दो करोड़ 30 लाख, लघु सिंचाई के लिए तीन करोड़ 88 लाख, एलोपैथिक चिकित्सा के लिए चार करोड़ 67 लाख, ग्रामीण पेयजल के लिए 8 करोड़ 65 लाख,65 लाख का परिव्यय अनुमोदित किया गया।
इस अवसर पर वस्त्र एवं रेशम उद्योग कैबिनेट मंत्री शिवकुमार बेरिया ने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों द्वारा दिये गये प्रस्तावों को प्राथमिकता देने तथा कराये गये कार्यों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिससे कि जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास कार्यों का समय-समय पर सत्यापन किया जा सके।