कायमगंज (फर्रुखाबाद) : कोतवाली कायमगंज क्षेत्र के ग्राम गउटोला मऊरशीदाबाद निवासी दिनेश चन्द्र पुत्र भगवन्त को बीमार अवस्था में डा0 संतोष अग्रवाल के बीते दिन बुधवार की सुबह भर्ती कराया गया था। जहां डाक्टरों की लापरवाही व गलत इंजेक्शन लगा देने से दिनेश चन्द्र की मौत हो गयी। परिजनों ने दिनेश के शव को मुख्य मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। डाक्टर के विरुद्व रिपोर्ट दर्ज करने के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला। वहीं डाक्टरों ने झूठी रिपोर्ट लिखाये जाने का विरोध करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।
बुधवार को मउरशीदाबाद निवासी दिनेश चन्द्र पुत्र भगवंत को गंभीर अवस्था में डा0 संतोष अग्रवाल के यहां लाया गया था जहां पर उसकी मौत हो गयी। परिजनों ने कायमगंज के पुलगालिव मुख्य मार्ग पर शव को रखकर जाम लगा दिया तथा डॉ संतोष अग्रवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दिनेश चन्द्र की बहन गीता पत्नी सुखराम सिंह ने बताया कि मेरे भाई की मौत गलत इंजेक्शन लगाने के कारण हुई है। वही मृतक के बडे भाई सूरज पाल ने बताया कि डॉ संतोष अग्रवाल के भाई आज सुबह हमारे गांव आये थे और उन्होने 15 हजार रूपये सांत्वना के लिए दिये जिसे हम लोगों ने लेने से मना कर दिया। दिनेश चन्द्र के सात बच्चे हैं जिसमें 4 पुत्र व तीन पुत्रियां हैं। दिनेश चन्द्र तम्बाकू की गोदाम में मजदूरी करते थे। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता था। डॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी जाम की सूचना पुलिस को मिली। तो मौके पर पहुंचे एसएस आई राजेन्द्र सिंह व कस्वा चौकी इंचार्ज रामजीवन ने लोगों से जाम को खोलने के लिए समझाया और न्याय का आश्वासन दिया। इस पर लोग नही माने और डॉ अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग करते रहे। जिस पर पुलिस ने डॉ अग्रवाल व उनके कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखने का आश्वासन दिया। जब जाकर कहीं जाम खुल सका।
वहीं गुरूवार को नगर के श्यामागेट पर चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ एवं दवा विक्रेताओं ने जमकर हंगामा काटा तथा अपनी अपनी दुकाने व चिकित्सालयों को बन्द रखा। इसके बाद चिकित्सक व दवा विक्रेता एक ज्ञापन लेकर तहसील परिसर पहुंचे जहां उन्होने उपजिलाधिकारी राकेश कुमार पटेल को ज्ञापन सौंपा तथा न्याय की गुहार लगायी। उपजिलाधिकारी को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि डॉ संतोष अग्रवाल के क्लीनिक मोहल्ला छपट्टी में एक व्यक्ति दिनेश चन्द्र पुत्र भगवन्त निवासी गौटोला मऊरशीदाबाद दिखाने के लिए आया था। जिसको देखने के बाद उसको अल्ट्रासाउण्ड की सलाह दी गयी थी। दिनेश चन्द्र अल्ट्रासाउण्ड कराने के लिए वहां से चला गया। कुछ घंटों के बाद जब वह वापस क्लीनिक आया तो चिकित्सक भोजन कर रहे थे। इसी दौरान मरीज दिनेश चन्द्र को लघुशंका लगी। जिससे वह क्लीनिक परिसर में बने शौचालय में लघुशंका करने चला गया। काफी देर तक जब वह शौचालय से बाहर नही निकला तो वहां उपस्थित कंपाउंडर व अन्य लोगो द्वारा काफी आवाज लगाने के बाद भी दरवाजा नही खुला तब वहां के लोगों ने दरवाजा तोड दिया तथा उक्त मरीज दिनेश चन्द्र को मरा देखकर लोग सन्न रह गये।
क्लीनिक के कर्मचारियों ने डॉ संतोष अग्रवाल को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डॉ अग्रवाल ने फोन द्वारा कोतवाली पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी देर तक मृतक की शिनाख्त के लिए लोगों से पूंछतांछ करती रही। इसके बाद भी जब उसकी कोई पहचान करने वाला नही मिला तब पुलिस ने अपनी कार्यवाही शुरू कर दी। तभी मृतक के घर से उसका पुत्र सुधेश अपने पिता को ढूंढता हुआ डॉ संतोष अग्रवाल के क्लीनिक पहुचा तथा अपने पिता की पहचान करते हुये उसने बताया कि हमारे पिता के पेट में दर्द हो रहा था। जिसकी दवा लेने वह बाजार आये हुये थे। सूचना पाते ही परिजन व गांव वाले घटना स्थल की तरफ दौड पडे। कुछ लोगो के बहकाने पर मृतक के परिवारीजन व गांव वाले भड़क गये और उन्होने डॉ अग्रवाल व कर्मचारियों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करायी। उन्होने एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी राकेश कुमार पटेल को दिया और न्याय की गुहार की।
आई एम ए के अध्यक्ष डॉ वी0डी0 शर्मा, महामंत्री डॉ जेयू खान, डॉ शरद गंगवार, डॉ रामौआतार गंगवार, डॉ संदीप अग्रवाल, डॉ मनीष रस्तोगी, डॉ प्रमोद गुप्ता, डॉ प्रतोष अग्रवाल, डॉ अतुल गंगवार, डॉ डीएम चौहान, डॉ सुभाष गुप्ता, डॉ प्रदीप जैन, अनुज रस्तोगी, एवं पैरामेडिकल व दवा विक्रेता गौरव मिश्रा, आशुतोष द्विवेदी, शोभित रस्तोगी, वेदपाल सिंह, वन्शल फार्मा आदि चिकित्सक कर्मचारी मौजूद रहे।