साहित्यिक आतंकवाद फैलाने के आरोपी बौद्ध भिक्षुओं की जमानत खारिज, विहिप ने की रासुका की मांग

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फर्रुखाबाद: साहित्यिक आतंकवाद फैलाकर समाज विरोधी गतिविधियों में लिप्त व राष्ट्र की एकता व अखण्डता एवं प्रभुसत्ता को खण्डित किये जाने का प्रयास करने वाले भन्ते धम्म व भन्ते सिद्धार्थ की गुरुवार को जमानत याचिका एडवोकेट दीपक द्विवेदी के प्रयास से खारिज कर दी गयी। वहीं हिन्दू जागरण मंच ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर साहित्यिक आतंकवाद फैलाने वाले दोनो भन्ते के विरुद्व रासुका की कार्यवाही किये जाने की मांग की है।

हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी से भन्ते के विरुद्व रासुका की कार्यवाही किये जाने की मांग करते हुए कहा है कि भन्ते धम्म पुत्र सन्तराम परवेश शर्मा आचार्य व भन्ते सिद्धार्थ पुत्र सोमनाथ शर्मा निवासी तथागत नगर कडसर नवानगर बिहार को बिना किसी अनुमति के शहर में आपत्तिजनक साहित्य वितरित करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। साहित्य में सनातन धर्म के प्रथम पूज्य देवता गणेश जी महाराज के विरुद्व आपत्तिजनक एवं अपमानजनक टिप्पणियों की गयी हैं। जिससे समस्त धर्मावलम्बियों में भयंकर रोष व्याप्त है तथा भारतीय संविधान व कानून ऐसे किसी साहित्य का वितरण करने की तथा किसी भी धर्म के देवी देवताओं के खिलाफ अशोभनीय टीका टिप्पणी करने की अनुमति प्रदान नहीं करता है। ऐसे साहित्य का वितरण करने से सम्पूर्ण भारतवर्ष में धार्मिक उन्मात फैल सकता है। इन लोगों द्वारा किया गया कृत्य राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की परिधि में आता है। राष्ट्रहित में रासुका के तहत कार्यवाही किया जाना अति आवश्यक है।

इस दौरान रमेशचन्द्र त्रिपाठी, राम जी मिश्रा, अमित कुमार गुप्ता, आदित्य दीक्षित, अभयशंकर द्विवेदी, लक्ष्मण सिंह एडवोकेट, सुनील तिवारी, सुधाकर दुबे, मोहित दीक्षित, गोपाल दुबे, राम जी मिश्रा, संजय दुबे, राजीव त्रिवेदी, पिंकू मिश्रा, अमित कुमार अवस्थी, विनीत मिश्रा आदि मौजूद रहे।