चिकित्सा विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोपों से तिलमिलाये अयोजक

Uncategorized

फर्रुखाबाद: यूनिसेफ की  ओर से आयोजित सेमिनार में मीडिया द्वारा चिकित्सा विभाग पर लगाये भ्रष्टाचार के आरोपों से आयोजक एनजीओ के कार्यकर्ता तिलमिलाते दिखे। टीकाकरण में नकारात्मक समाचरों के प्रभाव पर आयोजित इस गोष्ठी के प्रति चिकित्सा विभाग की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्य चिकित्साधिकारी उदघाटन भाषण के बाद ही नदारद हो गये।

टीकारण के विषय में मीडिया में निगेटिव रिपोर्टिंग के विषय पर आयोजित सेमिनार में यूनिसेफ के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि नकारात्मक खबरों का समाज के कम पढ़े लिखे लोगों व मध्यवर्ग पर काफी बुरा असर पड़ता है, जिससे टीकाकरण कार्यक्रम बुरी तरह प्रभावित होता है। यूनिसेफ प्रतिनिधियों ने कहा कि यह एक स्थापित सत्य है कि टीकों से कोई नुकसान नहीं होता है। कुछ मामलों में बच्चे को एक दो दिन के लिये बुखार आ जाना स्वभाविक है परंतु इन टीकों का दूरगामी प्रभाव काफी अच्छा होता है। इनसे बच्चा जानलेवा बीमारियों से बचा रहता है।

मीडिया कर्मियों द्वारा यह तर्क दिये जाने पर कि यदि टीकाकरण अभियान को ईमानदारी व पारदर्शिता से चलाया जाये तो टीकाकरण से संबंधित बुरी खबरों के उत्पन्न होने की नौबत ही न आये। टीकारण व अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिये आने वाले बजट को यदि योजना के अनुसार खर्च किया जाये तो स्थिति कुछ और हो सकती है। टीकाकरण की कोल्डचेन के जनरेटर डाक्टरों के आवास पर चलने व वैक्सीन पहुंचाने के लिये लगाये गये वाहन चिकित्सकों के बच्चों को स्कूल पहुचाने में लगे रहते है। टीकाकरण के सबसे महत्वपूर्ण कार्यकर्ता एएनएम व आशा बहुएं उच्चाधिकारियों की शह पर विभागीय कर्मचारियों के शोषण का निवाला बनती हैं। ऐसे में टीकाकरण कार्यक्रम से बहुत आशा रखना बेकार है। मीडिया की टिप्पणियों से विभागीय अधिकारियों को सकपकाते देख कार्यक्रम की आयोजक एनजीओ के कार्यकर्ता सकपकाते नजर आये। बाद में डिप्टी सीएमओ राजवीर सिंह ने भविष्य में मीडिया को बजट व योजनाओ के विषय में नियमित जानकारी देने का वादा किया।