नाजमी की फरियाद सुन दरोगा ने पकड़ा अपना सर, पर एफआईआर नहीं लिखी

Uncategorized

फर्रुखाबाद: दहेज उत्पीड़न की शिकायत लेकर गयी महिला की तहरीर कोतवाल, दरोगा व सिपाही के बीच घंटो फुटबाल बनी रही, परंतु उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई। महिला जब नहीं मानी तो दरोगाजी अपना सर पकड़कर बैठ गये पर टस से मस नहीं हुए। बमुश्किल तमाम एसएसआई ने महिला को समझा बुझा कर कोतवाली से रवाना कर दिया, तब कही जाकर राहत की सांस ली।

समय तकरीबन दोपहर के 12 बजे कोतवाली में शहर कोतवाल विजय बहादुर सिंह, एस एस आई विगन सिंह यादव व दरोगा देवी  प्रसाद अपनी-अपनी कुर्सी पर बैठे थे। तभी अचानक एक तकरीबन 22 वर्षीय महिला ने कोतवाली में प्रवेश किया। महिला को आता देख तीनो अधिकारी संभल कर बैठ गये।

महिला नाजमी ने बताया कि उसकी शादी तकरीबन तीन वर्ष पूर्व गढ़ी कोहना निवासी मुफीद पुत्र मोहम्मद शाहिद के साथ हुई थी। शादी के बाद दो वर्ष की पुत्री यासमीन भी हो गयी। ससुर मोहममद शाहिद पुत्र मुन्ने, सास समीला वानो दहेज में करिज्मा मोटरसाइकिल न मिलने के कारण मेरे साथ आये दिन मारपीट करती रहती हैं। जिसको लेकर 30 जुलाई को उन लोगों ने मेरे साथ मारपीट की थी व घर से निकाल दिया। अगले दिन मैं अपने पिता के साथ अपनी ससुराल पहुंची तो ससुरालीजनों ने हमें बगैर करिज्मा मोटरसाइकिल के घर में घुसने से मना कर दिया। जिसकी शिकायत रेलवे रोड चौकी पुलिस से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। महिला ने ससुरालीजनों पर उसकी हत्या करके पति की दूसरी शादी करने की भी आशंका जतायी है।

फरियादी महिला काफी देर तक दरोगा देवी प्रसाद से माथापच्ची करती रही लेकिन दरोगा उसे उसकी ससुराल वापस जाने की बात कहता रहा। कोतवाल व एसएसआई ने भी महिला को उसके घर जाने की सलाह दी। लेकिन महिला अपने ससुरालीजनों पर बगैर रिपोर्ट लिखाये घर जाने को तैयार नहीं दिखी। जिस पर एस एस आई ने उसके हाथ से तहरीर लेकर नखास चौकी के एक सिपाही को देनी चाही और कहा कि इनका मामला ठीक करो। जिस पर सिपाही ने एसएसआई तक का आदेश ठुकराकर हाथ खड़े कर दिये। नहीं साहब इस बबाल में नहीं पड़ूंगा। तभी अंदर से कोतवाल दरोगा देवी प्रसाद से चिल्लाते हुए बोले देवी प्रसाद कौन है ये महिला? क्या है मामला इसका। देवी प्रसाद को मानो मौका मिल गया और उन्होंने टालते हुए कहा कि साहब इसे तो आप ही संभाल सकते हैं और दुर्गा प्रसाद ने अपना सर पकड़ लिया। काफी देर चले महिला की तहरीर  को तीनो अधिकारी एक दूसरे की तरफ खिसकाते रहे और बाद में एसएसआई ने उसे समझाबुझा कर कोतवाली की बाउंड्री के बाहर कर दिया। एसएसआई ने महिला को भरोसा दिलाया कि शाम तक तुम्हारे ससुरालीजनों को पकड़कर कोतवाली में बंद किया जायेगा और अगर नहीं माने तो जेल जायेंगे। काफी मान मनौवल के बाद महिला ने अपने पैर में चप्पल धारण कीं और बमुश्किल कोतवाली से वापस अपने घर चली गयी तब जानो कोतवाल और एसएसआई व दरोगा देवी प्रसाद ने ठंडी सांस भरी।