समायोजन के नाम पर खूब चला तबादलों का खेल, कोई पास कोई फेल

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फर्रुखाबाद: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल ने बुधवार देर रात्रि परिषदीय अध्यपाकों की जो समायोजन सूची जारी की उसमें एक चीज तो साफ है कि कम से कम जनपद के समस्त 58 बंद प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था कर दी गयी है। बंद चल रहे 9 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में से 8 को संचालित करने के लिये शिक्षक तैनात किये गये हैं। अब देखना यह है कि बीएसए इस समायोजन में संशोधन किये बिना  अध्यापकों को इन बंद विद्यालयों में योगदान करा पाते हैं, या वह भी पूर्ववर्ती अधिकारियों की तरह ही समायोजन सूची को तबादला उद्योग की तरह साल भर चलाते रहते हैं। वैसे आदेश में तो एक सप्ताह में संबंधित विद्यालयों से अदेश प्रमाण लेकर नवीन तैनाती के विद्यालय में योगदान न करने वाले अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने का उल्लेख किया गया है।

परंतु समायोजन के नमा पर ट्रांसफर के खेल भी सूची में साफ नजर आ रहे हैं। कुल 58 अध्यापकों को उनकी तैनती के ब्लक से बाहर समायोजित किया गया है। इनमें अधिकांश को तो उसी ब्लाक में समायोजित किये जाने की गुंजाइश थी। सबसे मजेदार उदाहरण तो कमालगंज के पूर्व0 मा0 विद्यालय रामपुर मांझगांव का है। जहां पर तैनात विज्ञान शिक्षिका सीमा यादव को विज्ञान शिक्षक के तौर पर दुर्गम क्षेत्र के पूर्व0 मा0 विद्यालय चौकी रघुनंदनपुर में किया गया है। जब यहीं से राजीव पांडेय को रामपुर मांझगांव में विज्ञान शिक्षक बनाया गया है। जबकि पूरा खेल केवल राजेपुर ब्लाक के पूर्व.मा.वि. परमनगर से श्रीकृष्ण यादव को रामपुर मांझगांव में लाने के लिये गये किया गया है। विज्ञान वर्ग के पूर्व माध्यमिक शिक्षकों के समायोजन में विकास खंड राजेपुर से 8 शिक्षक बाहर भेजे गये हैं, जबकि अन्य ब्लाकों से कुल 25 शिक्षक राजेपुर भेजे गये हैं। कमालगंज ब्लाक से 9 शिक्षक हटाये गये हैं व 2 को बाहर से यहां लाया गया है। कायमगंज विकास खंड से कुल 19 अघ्यापक बाहर गये इसके बाद भी 1 अध्यापक को बाहर से यहां लाया गया है। इसी प्रकार शमशाबाद से 5 शिक्षक अन्य बलाकों में गये, फिर भी 9 शिक्षक बाहर से यहां लाये गये हैं। ब्लाक नवाबगंज से 5 अध्यापक दूसरे ब्लाकों में गये है व यहां पर 3 शिक्षक बाहर से आये है। कला वर्ग में राजेपुर ब्लाक से 3 अध्यापक बाहर गये फिर भी 1 शिक्षक बाहर से यहां लाया गया। शमसाबाद से 1 शिक्षक बाहर गया जबकि 3 को बाहर से यहां लाया गया। सवाल यह है कि यदि ब्लाक में ही अध्यापक उपलब्ध थे तो फिर उनकों दूसरे ब्लाकों क्यों भेजा गया। यह तो समायोजन नहीं बल्कि स्थानांतरण हुआ। जाहिर है कि मंत्री की सिफारिशों को आंगीकार करने के लिये कुछ तो जुगत करनी ही थी। इस बहाने कुछ अन्य का भी भला हो गया।

पूर्व से कार्यरत विज्ञान शिक्षकों के विद्यालयों में एक और विज्ञान शिक्षक तैनात कर दिया गय है। जैसे कायमगंज के पू.मा.वि. लोचन नगला में पहले से ही विज्ञान स्नातक संतोष पाल तैनात है, फिर भी यहां पर पू.मा.वि. गजेंद्र कुशवाह को यहां विज्ञान शिक्षक के तौर पर भेज दिया गया है। पू.मा.वि. रमापुर जसू ब्लाक शमासाबाद में इंटर (विज्ञान) अतहर खां के विज्ञान अध्यापक पद पर कार्यरत रहते यहां पर दूसरे विज्ञान अध्यापक के तौर पर अखिलेश कुमार को भेजा गया है।