विवाह के बाद कब कब जाए मायके और ससुराल…

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नई दिल्ली| शादी होते ही बहुओं का ससुराल से मायके व मायके से ससुराल आना जाना शुरू हो जाता है| विवाह के प्रथम वर्ष मे वधू के रहने के नियम एवं धर्मसूत्र बताये गए हैं। क्या आपको पता है कि किस माह में बहुओं का मायके में और किस माह ससुराल में रहना शुभ होता है| यदि नहीं पता है तो आज हम आपको बताते हैं कि किस माह में बहुओं का मायके में रहना शुभ और अशुभ होता है|

ज्योतिषाचार्य विजय कुमार ने बताया है कि विवाह होने के पश्चात प्रथम चैत्र मास में वधू को अपने मायके में नहीं रहना चाहिए क्योंकि यदि वह रहती है तो उसके पिता के लिए अशुभ रहता है| इसके अलावा यदि ज्येष्ठ मास में वधू ससुराल में रहती है तो वह देवर के लिए अशुभ रहता है|

इसी तरह यदि बहु आषाढ़ मास में रहती है तो वह सास के लिए, इसके अलावा पौष मास श्वसुर के लिए, क्षयमास स्वयं वधू के लिए एवं अधिमास पति के लिए वधू द्वारा ससुराल में रहने पर अशुभ फलदायक होता है।

हमारे ज्योतिषाचार्य यह भी बताते है कि वधू-वर के हमेशा इकट्ठे रहने से कभी- कभी इसी कारण आपसे मतभेद पैदा हो जाते हैं ऐसे में बीच-बीच में वधू को अपने मायके चला जाना चाहिए। धर्म शास्त्र ने तत्कालीन सामाजिक परिस्थिति एवं लोगों के वैचारिक स्तर के अनुसार ये नियम बनाए है।