अब और किसकी मौत का इंतजार कर रही ट्रैफिक पुलिस?

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फर्रुखाबाद: शहर में यातायात पुलिस का जो चेहरा उभर कर आ रहा है वह उसकी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह जरूर लगा रहा है। अक्सर ट्रैफिक पास कराने की बजह यातायात पुलिस अवैध वसूली करना ज्यादा पसंद कर रही है। आये दिन वाहनों की ओवरलोडिंग की बजह से आये दिन दुर्घटनाओं का ग्राम बढ़ता जा रहा है। शहर में टैक्सी का जो आलम है वह किसी से छिपा नहीं है। हर तिराहे चौराहे पर सफेद वर्दी पहने सिपाही हाथ में एक छोटी डायरी लिए टैक्सियों के नम्बर नोट करता नजर आ जाता है। वह इसलिए नम्बर नहीं लिखता कि यह टैक्सी गलत जा रही है वल्कि इसलिए नम्बर लिखता है कि इस नम्बर की टैक्सी से पैसे आये और इससे नहीं आये।

विदित हो कि बीते दिन ही अवैध वसूली कर रहे ट्रैफिक इंचार्ज सुबोध उपाध्याय के अलावा अन्य तीन यातायात पुलिस के सिपाही को ट्रक चालक ने बुरी तरह धुन दिया था और पुलिस लीक पीटती रह गयी। इस तरह की बारदात से यह बात तो साफ हो गयी है कि लोगों के दिल से पुलिस की दहशत कम होती जा रही है। प्रश्न यह है कि जब हम किसी को पैसे दे रहे हैं तो फिर डरने की क्या बात। शहर में जाम की झाम से आज तक यातायात पुलिस निजात नहीं दिला पायी। चौक, घुमना, भोलेपुर आदि जगहों पर हर 10 मिनट पर जाम लग जाता है। जिसका नतीजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। शहर में ओवरलोडिंग के साथ टैक्सियां भर-भर कर जाती हैं और ट्रैफिक सिपाही मुहं फेर लेता है। नतीजन आये दिन नई दुर्घटनाओं को जन्म दे रहा है।

शहर में ट्रैफिक सुचारू रूप से चलाने में निष्क्रिय हो चुकी ट्रैफिक पुलिस वाहनों के दस्तावेज चेक करने के पहले ड्राइवर की जेबें चेक करना ज्यादा पसंद करती है। मोहम्मदाबाद से फर्रुखाबाद की तरफ चलने वाले वाहनों व डग्गामार वाहनों पर तो सवारियां ऐसे लटकती हैं जैसे शहद के छत्ते पर मधुमक्खीं। लेकिन पुलिस मूक बनी क्यों देखती रहती है इसका जबाव कौन देगा।

सूत्रों की माने तो शहर क्षेत्र में टेम्पो चालकों से वसूली के कई केन्द्र निर्धारित कर दिये गये। रेलवे स्टेशन फर्रुखाबाद पर प्रति टेम्पो 10 रुपये प्रति दिन देने के बाद उन्हें भूसे की तरह टेम्पो भरने के लिए खुलेआम अनुमति दे दी जाती है। वहीं टेम्पो चालकों पर भोलेपुर कर्नलगंज चौकी के पास प्रति टेंपो 10 रुपये की रसीद कटानी होती है। इसका कई बार ईमानदार टेम्पो चालक भी विरोध करते हैं कि उन्हें सुबह-सुबह 20 रुपये तो अवैध रूप से देने पड़ते हैं। वहीं भूसे की तरह भरने वाले टेम्पो चालक 20 रुपये देने के बाद निडर होकर सवारियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।